अगर विधानसभा अध्यक्ष पद पर होती है राहुल नार्वेकर की जीत, इतिहास में होगा पहली बार ससुर और दामाद की जोड़ी चलाएगी विधानमंडल
मौजूदा संख्याबल के आधार पर राहुल नार्वेकर का जीतना तय माना जा रहा है। राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानपरिषद के सभापति रामराजे नाइक निंबालकर के दामाद हैं। ऐसे में इतिहास में पहली बार ये संयोग बन रहा है कि महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों विधान परिषद और विधानसभा को चलाने का जिम्मा ससुर और दामाद पर होगा।
भाजपा यह सुनिश्चित करने की तैयारी कर रही है कि रविवार को होने वाले चुनाव में उसके कोलाबा विधायक राहुल नार्वेकर को महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में चुना जाए - और विश्वास मत से पहले एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही शिवसेना समूह को आधिकारिक मान्यता दी जाए। अधिकारियों ने पुष्टि की कि नार्वेकर ने शुक्रवार को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया, जबकि विधानसभा का विशेष दो दिवसीय सत्र 2 जुलाई के बजाय 3 जुलाई से बुलाया गया। वही फ्लोर टेस्ट से पहले ही सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी एक बार फिर से अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए मैदान में उतरने के लिए तैयार दिखाई दे रही है।
इसे भी पढ़ें: देवेंद्र फडणवीस के कदम की नहीं थी किसी को जानकारी ! जानें आखिर किसके कहने पर उपमुख्यमंत्री बनने के लिए हुए तैयार ?
शिवसेना विधायक राजन साल्वी ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष चुनाव के लिए शनिवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया। राजन साल्वी का मुकाबला अब भाजपा नेता राहुल नार्वेकर से होगा। वैसे तो कांग्रेस ने इस पद के लिए पहले दावा किया था। लेकिन बाद में आपसी सहमति से शिवसेना विधायक के नाम को आगे बढ़ाया गया। शिवसेना के व्हीप प्रमुख सुनील प्रभु ने व्हिप जारी कर अपने सभी सदस्यों को सदन में मौजूद रहने और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए शिवसेना उम्मीदवार राजन साल्वी के पक्ष में मतदान करने को कहा।
इसे भी पढ़ें: विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर असमंजस में विधायक, सत्तापक्ष और MVA ने खड़े किए उम्मीदवार, शिवसेना के दो व्हिप हो सकते हैं जारी
मौजूदा संख्याबल के आधार पर राहुल नार्वेकर का जीतना तय माना जा रहा है। राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानपरिषद के सभापति रामराजे नाइक निंबालकर के दामाद हैं। ऐसे में इतिहास में पहली बार ये संयोग बन रहा है कि महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों विधान परिषद और विधानसभा को चलाने का जिम्मा ससुर और दामाद पर होगा। फर्क सिर्फ इतना है कि रामराजे निबांलकर एनसीपी के नेता हैं और राहुल नार्वेकर शिवसेना से एनसीपी में होते हुए बीजेपी में आए हैं।
अन्य न्यूज़