यदि सिद्धू अपना काम नहीं करना चाहते, तो मैं कुछ नहीं कर सकता: अमरिंदर
सिद्धू द्वारा अपना त्यागपत्र कांग्रेस अध्यक्ष को भेजने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मंत्री द्वारा तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष को त्यागपत्र भेजे जाने में उन्हें कोई नुकसान नजर नहीं आता।
नयी दिल्ली। सोमवार को नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री को कैबिनेट मंत्री के पद से अपना त्यागपत्र भेजे जाने के कुछ घंटे बाद अमरिंदर सिंह ने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद जिस तरह अन्य मंत्रियों ने अपने नये विभाग का कामकाज संभाल लिया, उसी तरह उन्हें भी (सिद्धू को) अपने नये विभाग का कार्यभार संभाल लेना चाहिए था। अपने फैसले को सार्वजनिक करने के अगले दिन सिद्धू द्वारा अपना त्यागपत्र उन्हें भेजने के विषय पर सिंह ने यहां संसद भवन परिसर में कहा कि उन्होंने अब तक सिद्धू के त्यागपत्र को पढ़ा नहीं है और चंडीगढ़ लौटने के बाद ही वह उसे पढ़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, यह सरकार के लिए कोई परेशानी वाली बात नहीं है। (लेकिन) देखिए,संगठन में कुछ अनुशासन तो हो ही। अपने मंत्रियों के कामकाज को देखने के बाद ही मुझे जो व्यक्ति जिस काम के लिए अच्छा जान पड़ा, मैंने उनके विभागों में फेरबदल किया और उन्हें वह काम सौंपा।’’
Punjab CM on Navjot Singh Sidhu: I have no issues with him, I had in fact given him a very important portfolio after the reshuffle. It was his decision to quit the Cabinet. I have been told that he has sent the letter to my office, will go through it&then see what is to be done. https://t.co/PhWK9OmY7M
— ANI (@ANI) July 15, 2019
सिद्धू का त्यागपत्र उनका विभाग बदले जाने के महज चार दिन बाद 10 जून को तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजा गया था। सिद्धू को बिजली विभाग दिये जाने के विषय पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने सोचा कि बिजली पंजाब के लिए महत्वपूर्ण चीज है, यह सबसे महत्वपूर्ण चीजों में एक है, इसलिए मैंने इसे (बिजली विभाग) सिद्धू को दिया लेकिन वह यह (विभाग) नहीं चाहते हैं। अतएव मैंने कहा कि एक बार जब कोई फैसला हो गया तो आप यह नहीं कह सकते कि मैं यह नहीं लूंगा, मैं वह लूंगा।’’मुख्यमंत्री ने दृढ़ता से कहा, ‘‘यह तो ऐसा हुआ कि कोई जनरल कहे कि मैं लद्दाख तैनाती पर नहीं जा रहा, मुझे मणिपुर भेजा जाए। आप ऐसा कैसे कह सकते हैं? आपको जो कहा गया है, आपको करना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘(तो) कैसे 12 अन्य मंत्रियों ने (अपने नये विभागों का) कामकाज संभाल लिया।’’ पंजाब मंत्रिमंडल के फेरबदल में कई अन्य मंत्रियों के विभाग भी बदल दिये गये। जब सिंह से पूछा गया कि अब तो उन्हें सिद्धू से मुक्ति मिल गयी तो क्या वह खुश हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे क्यों खुश होना चाहिए? मैं किसी के जाने से खुश नहीं हूं।’’
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जब उनसे पूछा गया कि उनके बीच किस बात को लेकर झगड़ा है तो उन्होंने कहा, ‘‘मेरा उनसे कोई झगड़ा नहीं है। आप उन्हीं से पूछ सकते हैं। ’’जब उनसे पूछा गया कि क्या आपने उनसे सुलह की कोई कोशिश की तो उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा उनसे कोई मुद्दा ही नहीं है।’’उन्होंने कहा कि सिद्धू को पहले तो बिजली विभाग का कार्यभार संभाल लेना चाहिए था तथा यदि बाद में वह महसूस करते कि उन्हें कोई और विभाग चाहिए तो फिर उस पर भविष्य में विचार किया जा सकता था। हालांकि जब मुख्यमंत्री से यह पूछा गया कि क्या वह सिद्धू को मंत्रिमंडल में शामिल कर कोई गलती तो नहीं कर बैठे, तो उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया। सिद्धू द्वारा अपना त्यागपत्र कांग्रेस अध्यक्ष को भेजने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मंत्री द्वारा तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष को त्यागपत्र भेजे जाने में उन्हें कोई नुकसान नजर नहीं आता। उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार, कांग्रेस अध्यक्ष ही वह व्यक्ति हैं जो यह तय करते हैं कि मेरे मंत्रिमंडल में कौन होना चाहिए।’’ मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उन्होंने सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर की लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारी का विरोध नहीं किया, बल्कि उन्होंने सुझाव दिया था कि उन्हें बठिंडा से चुनाव लड़ना चाहिए जिसे इस दंपति ने अस्वीकार कर दिया।
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