अगर अनुरोध को मान लिया जाता तो परंपरा के पालन में कोई दिक्कत नहीं होती: धनखड़
ममता बनर्जी सरकार के साथ लगातार विवादों में रहने वाले धनखड़ को लेकर ऐसी अटकलें बढ़ गई थीं कि भाषण में बदलाव करने के उनके अनुरोध को राज्य सरकार द्वारा खारिज किए जाने के बाद संभवत: वह बजट भाषण में कुछ जोड़ सकते है या हटा सकते हैं।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा तैयार बजट भाषण पढ़ने के दो दिन बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि अगर उनके अनुरोध को मान लिया जाता तो ‘‘परंपरा’’ का पालन करने में कोई दिक्कत नहीं होती। ममता बनर्जी सरकार के साथ लगातार विवादों में रहने वाले धनखड़ को लेकर ऐसी अटकलें बढ़ गई थीं कि भाषण में बदलाव करने के उनके अनुरोध को राज्य सरकार द्वारा खारिज किए जाने के बाद संभवत: वह बजट भाषण में कुछ जोड़ सकते है या हटा सकते हैं।
Attended commemoration 120th birth anniversary celebration of Utkal Keshari Dr Hare Krushna Mahtab at Kala Mandir today. Shri Praful Kumar Mallik, Minister Steel and Mines, Government of Odisha. Shri Prasanna Acharya MP, Rajya Sabha Shri Mahtab MP, Loksabha graced occasion. pic.twitter.com/VvPyAVpHVr
— Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) February 9, 2020
एक कार्यक्रम से इतर राज्यपाल ने पत्रकारों से कहा कि सरकार ने शुरू में बिना किसी सहायक दस्तावेज के उन्हें भाषण दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कहा था कि बिना उन दस्तावेजों को देखे यह (भाषण पढ़ना) मेरे लिए संभव नहीं है। राज्य के वित्त मंत्री (अमित मित्रा) ने तब मुझसे मुलाकात की और परंपरा के मुताबिक मुझसे भाषण पढ़ने का अनुरोध किया और अधिकारी जरूरी दस्तावेज लेकर आए।’’ धनखड़ ने कहा कि वह ‘‘आगे बढ़ने’’ में यकीन करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्षों में आपसी विश्वास होना चाहिए।’
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