UPA का राफेल सौदा होता तो बदल जाती वायुसेना की सूरत: राहुल गांधी

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे में कथित अनियमितता को लेकर बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर फिर निशाना साधा और कहा कि अगर संप्रग सरकार के समय का सौदा होता तो वायुसेना में आमूलचूल बदलाव आता और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) आगे चलकर अधिक आत्मनिर्भर बनता।

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे में कथित अनियमितता को लेकर बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर फिर निशाना साधा और कहा कि अगर संप्रग सरकार के समय का सौदा होता तो वायुसेना में आमूलचूल बदलाव आता और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) आगे चलकर अधिक आत्मनिर्भर बनता। गांधी ने फेसबुक पोस्ट में यह भी कहा कि संप्रग सरकार के समय हुयी बातचीत के मुताबिक 126 राफेल विमान खरीदे जाते तो वायुसेना को जगुआर जैसे पुराने विमानों को उड़ाने का जोखिम मोल नहीं लेना पड़ता।

उन्होंने कहा, ‘संप्रग सरकार के समय जिन सौदों को लेकर बातचीत हो रही थी उनको पूरा करने की बजाय मौजूदा सरकार नए सिरे से बातचीत कर रही है ताकि क्रोनी कैपिटलिस्ट (सांठगांठ वाले पूंजीवादी) को फायदा पहुंचाया जा सके।’ गांधी ने कहा, ‘अगर संप्रग सरकार के समय का 126 विमानों का सौदा होता तो इससे भारतीय वायुसेना में आमूलचूल बदलाव आया होता और जगुआर जैसे पुराने विमानों को सेवा से हटा सकते थे। उस सौदे से प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण होता जिससे एचएएल भविष्य में और आत्मनिर्भर बनता।’

उन्होंने कहा कि इस सरकार में अनिल अंबानी के फायदे के लिए सौदे पर नए सिरे से काम किया गया और विमानों की संख्या 36 कर दी गई। ये सभी विमान फ्रांस में बनेंगे और इनके बनकर आने में वर्षों लग जाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमारे पायलटों को जगुआर उड़ाते समय अपनी जिंदगी रोजाना जोखिम में डालनी पड़ती है। इन विमानों में फ्रांस एवं दुनिया के दूसरे हिस्सों के जंकयार्ड से कलपुर्जेों का इस्तेमाल किया जाता है। यह सिर्फ शर्मनाक ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा पर भी गलत असर डालता है। 

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