इमरान को अपने लोगों की चिंता करनी चाहिए, हमारे देश में हर कोई सुरक्षित: नकवी

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[email protected] । Dec 27 2018 5:36PM

नकवी ने कहा कि एक ऐसे गैर-धर्मनिरपेक्ष देश के अल्पसंख्यकों के बारे में चर्चा करना, जहां ज्यादातर तानाशाही सरकारें रही हैं और कट्टरपंथी ताकतें समानांतर सरकारें चलाती रही हैं, हास्यास्पद ही है।

 नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भारत में अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार के संबंध में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि सभी भारतीय सुरक्षित हैं और उन्हें अपने देश के लोगों के बारे में चिंता करनी चाहिए। इमरान खान ने एक सप्ताह के अंदर दो बार भारत में और अपने देश में अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार की तुलना की है। इसके बाद नकवी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। नकवी ने कहा कि एक ऐसे गैर-धर्मनिरपेक्ष देश के अल्पसंख्यकों के बारे में चर्चा करना, जहां ज्यादातर तानाशाही सरकारें रही हैं और कट्टरपंथी ताकतें समानांतर सरकारें चलाती रही हैं, हास्यास्पद ही है।

इमरान की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने पीटीआई से कहा, ‘‘ बेहतर होगा कि वह अपने ही देश के लोगों की चिंता करें। हमारे देश में, हर कोई सुरक्षित है और प्रगति कर रहा है। हमारा संविधान उनकी सुरक्षा की गारंटी है। सहिष्णुता भारत और भारतीयों के डीएनए में है।’’ असहिष्णुता को लेकर जतायी जा रही चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर नकवी ने कहा, ‘‘भारत सबसे सहिष्णु देश है। अल्पसंख्यकों सहित समाज का हर वर्ग सुरक्षित है। वे संवैधानिक रूप से सुरक्षित हैं और उनके धार्मिक अधिकार भी सुरक्षित हैं। सभी क्षेत्रों में अल्पसंख्यक तेज गति से प्रगति कर रहे हैं।’’

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अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की टिप्पणी पर मंत्री ने कहा कि शायद अभिनेता का आशय कुछ और था और इसे दूसरे तरीके से समझा गया। हालांकि, नकवी ने आगाह किया कि इस तरह के "चलताऊ" या "ढीले बयान" का इस्तेमाल भारत विरोधी ताकतों द्वारा किया जा सकता है। ‘‘इसलिए हमें ऐसी चीजों से बचना चाहिए।" नकवी ने कहा कि क्रिकेटर से नेता बने इमरान को इतिहास के बारे में बहुत जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘1947 के बाद, वहां (पाकिस्तान) में अल्पसंख्यकों की आबादी लगभग 23 प्रतिशत थी। बांग्लादेश के निर्माण के बाद, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी करीब 16 प्रतिशत रही होगी। अब अल्पसंख्यकों की जनसंख्या 1–2 प्रतिशत है।”

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