उत्तर प्रदेश में वर्षा और बांधों के पानी से नदियों में उफान, बाढ़ से घिरे अनेक गांव

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केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक राप्ती नदी बर्डघाट (गोरखपुर) में खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। वहीं, बलरामपुर, बांसी (सिद्धार्थनगर) और रिगौली (गोरखपुर) में इसका जलस्तर लाल चिह्न के नजदीक पहुंच गया है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानसून के एक बार फिर जोर पकड़ने के बीच जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण खासकर पूर्वी इलाकों में शारदा और घाघरा समेत कई नदियां उफान पर हैं। इससे अनेक गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक राप्ती नदी बर्डघाट (गोरखपुर) में खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। वहीं, बलरामपुर, बांसी (सिद्धार्थनगर) और रिगौली (गोरखपुर) में इसका जलस्तर लाल चिह्न के नजदीक पहुंच गया है। इसके अलावा रोहिन नदी त्रिमोहानीघाट (महराजगंज) में खतरे के निशान को पार कर गयी है। इसकी वजह से कई इलाके इसकी बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। घाघरा नदी तुर्तीपार (बलिया) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) और अयोध्या में इसका जलस्तर लाल चिह्न के करीब पहुंच चुका है। उधर, शारदा नदी पलियाकलां में खतरे के निशान को पार कर गयी है, जबकि शारदानगर में लाल चिह्न तक पहुंच चुके इसके जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है।

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इसके अलावा बूढ़ी राप्ती नदी ककरही (सिद्धार्थनगर) में, कुन्हरा नदी उस्का बाजार (सिद्धार्थनगर) में, कवानो नदी चंद्रदीपघाट (गोण्डा), बस्ती और मुखलिसपुर (संत कबीर नगर) और गण्डक नदी खड्डा (कुशीनगर) में खतरे के निशान के नजदीक बह रही हैं। इस बीच, गोरखपुर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिले के सहजनवा इलाके में राप्ती नदी की बाढ़ से 63 गांव प्रभावित हैं। राहत और बचाव कार्य के लिये 86 बाढ़ चौकियां बनायी गयी हैं। इसके अलावा प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिये 126 नौकाएं इस्तेमाल की जा रही हैं। लखीमपुर खीरी से मिली रिपोर्ट के मुताबिक धौरहरा तहसील के करीब 25 गांव घाघरा की बाढ़ से घिर गये हैं। इसके अलावा इन गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली सभी प्रमुख सड़कें भी जलमग्न हो गयी हैं। इसकी वजह से लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ा है। शारदा नदी अपनी सहयोगी चौका नदी के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी के कारण उफान पर आ गयी है और कई गांव इसकी बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। धौरहरा के उपजिलाधिकारी सुनंदु सुधाकरन ने बताया कि जिले में सैलाब से प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थित प्राथमिक पाठशालाओं में ठहराया जा रहा है। 

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गोण्डा से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक गिरिजा और शारदा बैराज से करीब पौने चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण घाघरा नदी में बाढ़ आ गई है। जिला प्रशासन ने बाढ़ की आशंका के मद्देनजर तैयारियां पूरी कर ली हैं। अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि गुरुवार को घाघरा नदी में तीन लाख 72 हजार क्यूसेक पानी बांधों से छोड़ा गया है। हालांकि अभी जिले का कोई भी गांव बाढ़ से प्रभावित नहीं है लेकिन बहुत जल्द सैलाब का असर दिख सकता है, लिहाजा प्रशासन ने कर्नलगंज तथा तरबगंज तहसील क्षेत्र की 23 बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया है। आंचलिक मौसम केन्द्र की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में मानसून एक बार फिर पूरी तरह सक्रिय हो चुका है और पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के अनेक स्थानों पर बारिश हुई। इस दौरान शारदा नगर (लखीमपुर खीरी) में सबसे ज्यादा 11 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गयी। इसके अलावा नकुड़ (सहारनपुर) में नौ, ककरही (सिद्धार्थनगर) और नजीबाबाद (बिजनौर) में सात—सात, चंद्रदीपघाट (गोण्डा) में छह, करछना (इलाहाबाद), कुंडा (प्रतापगढ़), सहारनपुर, धामपुर (बिजनौर) और पूरनपुर (पीलीभीत) में पांच-पांच सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गयी। अगले 48 घंटों के दौरान भी राज्य में अनेक स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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