रायसीना संवाद का उद्घाटन, EU प्रमुख ने कहा- यूक्रेन में जो हो रहा है उसका हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर पड़ेगा असर

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अंकित सिंह । Apr 25 2022 8:19PM

यूरोपियन आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि हर 5 साल बाद जब भारत के लोग आम चुनावों में मतदान करते हैं तो पूरी दुनिया देखती है। जीवंत लोकतंत्र के रूप में भारत और यूरोपीय संघ मौलिक मूल्यों और सामान्य मूल्यों को साझा करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में रायसीना संवाद के 7वें संस्करण का उद्घाटन दिल्ली में हुआ। इस अवसर पर यूरोपियन आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद रहे। इस अवसर पर यूरोपियन आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि हर 5 साल बाद जब भारत के लोग आम चुनावों में मतदान करते हैं तो पूरी दुनिया देखती है। जीवंत लोकतंत्र के रूप में भारत और यूरोपीय संघ मौलिक मूल्यों और सामान्य मूल्यों को साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन से जो तस्वीरें आ रहीं हैं वे दुनिया को चौंका रही हैं। मैंने बूचा का दौरा किया था। मैंने शव सड़कों पर पड़े देखे। बमबारी वाले स्कूल, आवासीय घरों और अस्पतालों को देखा। ये अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन हैं।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यूरोप यह सुनिश्चित करेगा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस की ‘‘अकारण और अनुचित’’ आक्रामकता एक ‘‘रणनीतिक विफलता’’ साबित हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रायसीना संवाद में अपने संबोधन में लेयेन ने यह भी कहा कि यूक्रेन में जो हो रहा है उसका हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि रूस की आक्रामकता पर दुनिया की प्रतिक्रिया अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और वैश्विक अर्थव्यवस्था दोनों का भविष्य तय करेगी। लेयेन ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध के परिणाम न केवल यूरोप के भविष्य को निर्धारित करेंगे, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र और शेष दुनिया को भी बहुत अधिक प्रभावित करेंगे। 

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यूक्रेन के खिलाफ युद्ध पर मॉस्को की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वी यूरोपीय देश की तस्वीरों ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है और दुनियाभर में शांति एवं सुरक्षा को रेखांकित करने वाले मूल सिद्धांत एशिया के साथ-साथ यूरोप में भी दांव पर हैं। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ने रूस और चीन के बीच कोई सीमा नहीं वाली दोस्ती का भी उल्लेख किया। वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर रायसीना संवाद में 7 सालों में 99 देशों के 1200 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। मैं यह पूरी विनम्रता से कह सकता हूं कि रायसीना संवाद अपने आप में एक सर्वश्रेष्ठ प्रयास है। ये जैसे विकसित होता गया इस प्रयास में भाग लेने वाले देशों में यूरोप एक बड़ा भागीदार बना। 

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