India-Africa Army Chiefs’ Conclave: रक्षा मंत्री बोले- हमारी साझेदारी मित्रता, सम्मान और पारस्परिक लाभ के सिद्धांतों पर आधारित
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अफ्रीका के विऔपनिवेशीकरण के सबसे मजबूत समर्थकों में से एक रहा है, और उसने अफ्रीका में साम्राज्यवादी, नस्लवादी और रंगभेद शासन के अंत के लिए काम किया है।
भारत-अफ्रीका सेना प्रमुख सम्मेलन का आयोजन पुणे में हो रही है। इस बैठक को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधित किया। अपने संबोधन में राजनाथ ने कहा कि सहस्राब्दियों से भारत और अफ्रीका का समृद्ध इतिहास रहा है। संपूर्ण मानवता के दृष्टिकोण से भी अफ्रीका मानता है कि महाद्वीप, नस्ल या जातीयता की अपेक्षा के बिना अफ्रीका सभी मानवता का उद्गम स्थल है। उन्होंने कहा कि भारत एक युवा आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों के लिए समृद्धि और गरिमापूर्ण जीवन हासिल करने की हमारी साझी खोज में भारत और अफ्रीका के बीच साझेदारी की स्वाभाविक भावना है।
इसे भी पढ़ें: Parliament Diary: संसद में गतिरोध कायम, हंगामे के बीच वित्त विधेयक 2023 को संसद की मंजूरी
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अफ्रीका के विऔपनिवेशीकरण के सबसे मजबूत समर्थकों में से एक रहा है, और उसने अफ्रीका में साम्राज्यवादी, नस्लवादी और रंगभेद शासन के अंत के लिए काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में, हमारे मन में अपने अफ्रीकी भाइयों और बहनों के लिए बहुत सम्मान और स्नेह है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका आज एक अरब से अधिक जीवंत लोगों का घर है, जिनमें से दो तिहाई से अधिक 35 वर्ष से कम आयु के हैं। यदि इस मानव पूंजी को सही अवसरों के साथ समर्थन दिया जाता है, तो यह न केवल अफ्रीका के लिए विकास का इंजन बन जाएगा, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी।
राजनाथ ने कहा कि नई और उभरती प्रौद्योगिकियां हमें इस तकनीकी अंतर को दूर करने का अवसर देती हैं। मैं दो ऐसी उभरती प्रौद्योगिकियों, डिजिटल प्रौद्योगिकियों और स्वच्छ और हरित प्रौद्योगिकियों का स्पष्ट रूप से उल्लेख करना चाहूंगा। हम इन दो क्षेत्रों में अपने विकास के अनुभवों को साझा करना चाहते हैं, ताकि हमारे अफ्रीकी साझेदार हमारी विशेषज्ञता से लाभान्वित हो सकें। एक विशेष उदाहरण भारत के UPI के नवाचार के माध्यम से डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से संपूर्ण नागरिक वर्ग का वित्तीय समावेशन है। उन्होंने कहा कि हमारे विचारों और प्रथाओं का आदान-प्रदान एकतरफा मामला नहीं होगा। हम अपने अफ्रीकी मित्रों के अनुभवों से भी सीखना चाहेंगे।
इसे भी पढ़ें: Parliament Diary: लोकसभा में हंगामे के बीच वित्त विधेयक 2023 पारित, ‘शेर ओ शायरी’ से राज्यसभा का माहौल बना खुशनुमा
राजनाथ ने यह भी कहा कि हमारा भारतीय रक्षा उद्योग आपकी रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आपके साथ काम कर सकता है। अपने अफ्रीकी मित्रों को उनकी रक्षा आवश्यकताओं को स्वदेशी रूप से पूरा करने के लिए सशक्त बनाने के उद्देश्य से, हम रक्षा निर्माण, अनुसंधान एवं विकास में अपनी विशेषज्ञता और ज्ञान को साझा करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमारी साझेदारी मित्रता, सम्मान और पारस्परिक लाभ के सिद्धांतों पर आधारित है। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2018 में युगांडा की संसद को अपने संबोधन के दौरान कहा था कि अफ्रीका भारत के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।
अन्य न्यूज़