भारत-जापान संबंध हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति, स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण: मोदी

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[email protected] । Nov 30 2019 7:12PM

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अलग से अपने समकक्ष मोतेगी के साथ मुलाकात की और द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा की।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत का जापान के साथ संबंध हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति, समृद्धि और स्थिरता की उसकी दृष्टि का एक प्रमुख तत्व है। विदेश मंत्रालय के अनुसार मोदी ने यह टिप्पणी जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी और रक्षा मंत्री तारो कोनो के साथ एक बैठक के दौरान की।

जापान के दोनों मंत्री भारत-जापान रक्षा एवं विदेश मंत्रियों की वार्ता के पहले संस्करण में हिस्सा लेने के लिए यहां आये हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक में प्रधानमंत्री ने भारत-जापान के लोगों के साथ ही क्षेत्र एवं विश्व के लाभ के लिए दोनों देशों के संबंधों के समग्र विकास के महत्व पर जोर दिया। मोदी ने जापान के दोनों मंत्रियों से यह भी कहा कि वह अगले महीने भारत..जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत की यात्रा पर आ रहे जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के स्वागत को लेकर उत्सुक हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का जापान के साथ संबंध हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति, समृद्धि और स्थिरता की उसकी दृष्टि का एक प्रमुख हिस्सा होने के साथ ही भारत की पूरब में काम करने की नीति की आधारशिला है।’’ 

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अलग से अपने समकक्ष मोतेगी के साथ मुलाकात की और द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा की। भारत और जापान क्षेत्रीय शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए भारत-प्रशांत क्षेत्र के वास्ते एक व्यापक एवं विस्तृत दृष्टिकोण तैयार करने पर जोर दे रहे हैं। चीन हिंद प्रशांत क्षेत्र में सैन्य और आर्थिक प्रभाव तेजी से बढ़ा रहा है जिसको लेकर क्षेत्र एवं उससे आगे के विभिन्न देशों में चिंता उत्पन्न हो रही है।  नयी ‘टू-प्लस-टू रूपरेखा के तहत भारत-जापान के रक्षा एवं विदेश मंत्रियों की वार्ता मोदी और आबे द्वारा पिछले वर्ष 13वें भारत..जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान किये गए एक निर्णय के बाद हो रही है। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग और गहरा करने और दोनों देशों के बीच विशेष रणनीति एवं वैश्विक साझेदारी को और मजबूती प्रदान करने के लिए नया तंत्र बनाने का निर्णय किया था। मोदी ने मोतेगी और कोनो के साथ बैठक में कहा कि दोनों देशों के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान प्रदान संबंध की प्रगाढ़ता और मजबूती का गवाह है।  प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘टू-प्लस-टू वार्ता द्विपक्षीय रणनीति, सुरक्षा और रक्षा सहयोग को और प्रगाढ़ करेगी।

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