भारत ने असम में बेदखली अभियान को लेकर भ्रामक बयान के लिए ओआईसी की आलोचना की

Organisation for Islamic Cooperation
प्रतिरूप फोटो

विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने इस संबंध में उचित कानूनी कार्रवाई की है। दोहराया जाता है कि भारत के आंतरिक मामलों से संबंधित मुद्दों पर दखल देने का ओआईसी को कोई अधिकार नहीं है। उसे अपने मंच को निहित स्वार्थों से प्रभावित नहीं होने देना चाहिए।

नयी दिल्ली| भारत ने असम में बेदखली अभियान से संबंधित एक घटना के बारे में भ्रामक बयान देने के लिये शुक्रवार को इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की आलोचना की और कहा कि समूह के पास देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।

विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ऐसे सभी अनुचित बयानों को खारिज करता है और उम्मीद करता है कि भविष्य में ऐसा कोई संदर्भ नहीं दिया जाएगा।

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बागची ने कहा, भारत को इस बात पर अत्यंत खेद हुआ कि इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने भारतीय राज्य असम में दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक बयान जारी करके एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का फैसला किया। वह पिछले महीने असम के दरांग जिले की एक घटना पर ओआईसी की टिप्पणी के बारे में मीडिया के एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

बागची ने कहा, भारतीय अधिकारियों ने इस संबंध में उचित कानूनी कार्रवाई की है। दोहराया जाता है कि भारत के आंतरिक मामलों से संबंधित मुद्दों पर दखल देने का ओआईसी को कोई अधिकार नहीं है। उसे अपने मंच को निहित स्वार्थों से प्रभावित नहीं होने देना चाहिए।

दरांग में अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान दो नागरिकों की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। तीन अक्टूबर को जारी एक बयान में, ओआईसी जनरल सचिवालय ने बेदखली अभियान की आलोचना की और आरोप लगाया कि यह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अभियान का एक हिस्सा है। बयान में कहा गया है, ओआईसी के महासचिवालय ने संकेत दिया कि मीडिया में आईं खबरें शर्मनाक हैं और वह इस मामले में भारत गणराज्य में सरकार और अधिकारियों से एक जिम्मेदार रुख की अपील करता है।

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डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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