LAC पर क्या कुछ होने वाला है? भारत ने चीन से लगी अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर निगरानी बढ़ाई

 Arunachal border with China
रेनू तिवारी । Oct 19 2021 11:10AM

पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने कहा है कि चीनी सेना द्वारा सीमा पर गश्त और वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास में वृद्धि हुई है। चीन एकीकृत संयुक्त अभियान अभ्यास कर रहा है। वे अपने सशस्त्र बलों के विभिन्न तत्वों को एक साथ ला रहे हैं।

भारत ने अरूणाचल प्रदेश सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास दिन और रात में निगरानी काफी बढ़ा दी है और चीन के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए इसने विशिष्ट विमानों एवं अन्य युद्धक सामग्री की तैनाती की है। यह जानकारी रविवार को घटनाक्रम से अवगत लोगों ने दी। पिछले वर्ष गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बाद भारत ने करीब 3400 किलोमीटर लंबी एलएसी के पास संपूर्ण तैनाती में बढ़ोतरी की है। इसके अलावा यह आधारभूत सुविधाओं का भी विकास कर रहा है। 

LAC पर गश्त और वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास में वृद्धि: कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे 

पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने कहा है कि चीनी सेना द्वारा सीमा पर गश्त और वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास में वृद्धि हुई है। चीन एकीकृत संयुक्त अभियान अभ्यास कर रहा है। वे अपने सशस्त्र बलों के विभिन्न तत्वों को एक साथ ला रहे हैं। इस साल पैमाने में वृद्धि हुई है और वे लंबी अवधि तक जारी रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, कुछ क्षेत्रों में पीएलए गश्त में मामूली वृद्धि हुई है लेकिन गश्त के पैटर्न में कोई उल्लेखनीय बदलाव नहीं आया है। गहन क्षेत्रों में अभ्यास में वार्षिक प्रशिक्षण में कुछ वृद्धि हुई है। प्रशिक्षण क्षेत्रों में आरक्षित संरचनाएं बनी हुई हैं।

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पूर्वी सेना कमांडर ने कहा पिछले डेढ़ साल हमारे लिए चिंता का विषय रहे हैं। पूर्वी कमान ने किसी भी आकस्मिकता का जवाब देने के लिए तैयारियों के स्तर और क्षमता को बढ़ाया कमांडर ने आगे कहा कि चीनी गतिविधि के स्तर में कुछ वृद्धि हुई है, दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब बुनियादी ढांचे को विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं और इससे कई बार घर्षण होता है।

सेना कमांडर ने कहा हमने LAC और गहराई दोनों क्षेत्रों में अपनी निगरानी बढ़ा दी है। आने वाली किसी भी आकस्मिकता से निपटने के लिए हमारे पास प्रत्येक क्षेत्र में पर्याप्त बल उपलब्ध है। पैट्रोलिंग पैटर्न न तो बढ़ा है और न ही ज्यादा बदला है, कुछ क्षेत्रों में मामूली वृद्धि हुई है।

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भारत ने अरूणाचल सेक्टर में एलएसी पर दिन और रात में निगरानी बढ़ाई

घटनाक्रम से अवगत लोगों ने बताया कि इजराइल निर्मित हेरोन मध्यम ऊंचाई वाले और लंबे समय तक उड़ान भर सकने वाले ड्रोन एलएसी के पास पहाड़ी क्षेत्रों में चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं और महत्वपूर्ण आंकड़े एवं चित्र कमान एवं नियंत्रण कक्षों को भेज रहे हैं। उन्होंने बताया कि ड्रोन के साथ ही भारतीय सेना की विमानन शाखा ने क्षेत्र में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर रूद्र की तैनाती की है जिससे क्षेत्र में इसका मिशन और तीव्र हुआ है। उन्होंने बताया कि सेना ने इस वर्ष इस क्षेत्र में एक स्वतंत्र विमानन ब्रिगेड बनाई है ताकि संवेदनशील क्षेत्र में संपूर्ण संचालनात्मक तैयारियों को मजबूती दे सके। उन्होंने बताया कि हेरोन ड्रोन सबसे पहले क्षेत्र में करीब चार-पांच वर्ष पहले तैनात किए गए थे, और अब निगरानी को ‘सेंसर टू शूटर’ योजना के तहत और बढ़ाया गया है ताकि किसी भी संभावित अभियान के लिए सैन्य बल की त्वरित तैनाती की जा सके। 

एएलएच हेलीकॉप्टर के डब्ल्यूएसआई संस्करण की तैनाती से सेना को ऊंचे इलाकों में विभिन्न मिशन के लिए और लाभ मिला है। एएलएच हेलीकॉप्टर पर तैनात हथियारों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने विस्तार से जानकारी देने से इंकार कर दिया लेकिन कहा कि यह बेहतरीन है और विरोधी के खिलाफ काफी प्रभावी होगा। घटनाक्रम से अवगत एक व्यक्ति ने बताया, ‘‘पिछले वर्ष की तुलना में हमारे दिन एवं रात की निगरानी क्षमता में काफी बढ़ोतरी हुई है और क्षेत्र में किसी भी घटना से निपटने में हम काफी बेहतर स्थिति में हैं।’’ भारतीय सेना इजराइल से हेरोन टीपी ड्रोन का एक बेड़ा भी लीज पर ले रही है जो 35 हजार फुट तक की ऊंचाई पर करीब 45 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं। 

हेरोन टीपी ड्रोन स्वचालिक टैक्सी टेक ऑफ एवं लैंडिंग तथा उपग्रह संचार प्रणाली से लैस है। उन्होंने बताया कि अरूणाचल सेक्टर में अतिरिक्त सड़क, पुल और रेलवे ढांचा बनाया जा रहा है ताकि क्षेत्र में उभरी सुरक्षा चुनौतियों के समय सामरिक जरूरतों को पूरा किया जा सके। सरकार तवांग को रेलवे नेटवर्क से भी जोड़ने पर विचार कर रही है। पिछले वर्ष 15 जून को गलवान घाटी में घातक संघर्ष होने के बाद एलएसी पर तनाव बढ़ गया है।

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