प्लास्टिक मुक्त राष्ट्र बनने के लिए बड़ा अभियान शुरू कर रहा है भारत: मोदी
भारत लंबे समय से एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के प्रयोग को बंद करने की वकालत करता आ रहा है और प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर प्रतिबंध लगाने पर जोर देने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय मंचों का प्रयोग किया है।
संयुक्त राष्ट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पूरी दुनिया को बताया कि भारत प्लास्टिक मुक्त राष्ट्र बनने की दिशा में एक बहुत बड़ा अभियान शुरू कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने इस विश्व संगठन से एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से मुक्त होने की अपील की। उन्होंने कहा, “ मैंने यहां भवन के प्रवेश पर पहुंचने के बाद एक दीवार पर लिखी अपील पर गौर किया कि संयुक्त राष्ट्र से एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से मुक्त बनने को कहा गया है।” उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “ मुझे इस महान सभा को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आज जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं, भारत को एकल प्रयोग प्लास्टिक से मुक्त बनाने के लिए पूरे देश में एक बड़ा अभियान शुरू हो गया है।” भारत लंबे समय से एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के प्रयोग को बंद करने की वकालत करता आ रहा है और प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर प्रतिबंध लगाने पर जोर देने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय मंचों का प्रयोग किया है। उन्होंने अगस्त में जी7 शिखर सम्मेलन में और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिए गए अपने भाषण में एकल प्रयोग प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने की बात कही थी।
UNGA: PM Modi highlights India's steps to combat climate change
— ANI Digital (@ani_digital) September 27, 2019
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जनकल्याण से जगकल्याण में भारत का विश्वास: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में जन-कल्याणकारी योजनाओं की सफलता की वजह जन-भागीदारी है और इन योजनाओं के दायरे में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विश्व कल्याण का भाव छुपा है क्योंकि भारत ‘‘जन-कल्याण से जग-कल्याण’’ में विश्वास करता है। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुये कहा कि एक विकासशील देश होने के बावजूद भारत स्वच्छता, स्वास्थ्य, जल संरक्षण और गरीबों के लिये आवास की सबसे बड़ी योजनाओं को कारगर तरीके से लागू करने में सफल रहा हैं। यह विश्व समुदाय के लिये संवेदनशील व्यवस्था के प्रति नया मार्ग प्रशस्त करता है और अन्य देशों में जनकल्याण के प्रति विश्वास भी पैदा करता है। मोदी ने कहा कि वर्ष 2022 में जब भारत आजादी के 75 साल पूरे करेगा तब गरीबों के लिये दो करोड़ घर बना लिये जायेंगे। इसी तरह विश्व ने टीबी से मुक्ति के लिये 2030 का समय तय किया है जबकि भारत ने 2025 तक ही इससे मुक्ति का लक्ष्य बनाया है।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi at #UNGA says, "3000 years back great poet of India Kaniyan Pungundranar, in the oldest language of the world Tamil, said 'Yaadhum Oore Yaavarum Kelir', meaning 'We harbour a feeling of kinship for all places and all people are our own.' pic.twitter.com/7Q8E8Bi0aN
— ANI (@ANI) September 27, 2019
प्रधानमंत्री ने दुनिया के देशों से सीडीआरआई से जुड़ने का आह्वान किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विश्व के विभिन्न देशों से प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान पर अंकुश लगाने के लिए भारत की पहल ‘आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन’ (सीडीआरआई) से जुड़ने का निमंत्रण दिया और कहा कि कम कार्बन उत्सर्जन करने के बावजूद भारत वैश्विक तामपमान में बढ़ोतरी (ग्लोबल वार्मिंग) की समस्या के खिलाफ तेजी से कदम उठा रहा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में कहा, ‘‘ अगर इतिहास और प्रति व्यक्ति उत्सर्जन के नजरिए से देखें तो ग्लोबल वार्मिंग में भारत का योगदान कम है, लेकिन समाधान के लिए कदम उठाने में भारत अग्रणी देश है।’’ उन्होंने कहा कि हम अक्षय उर्जा को लेकर काम कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को लेकर भी कदम उठाया गया है।
#WATCH live from US: PM Narendra Modi addresses the 74th United Nations General Assembly in New York. #UNGA https://t.co/rGQwCt70nB
— ANI (@ANI) September 27, 2019
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