ब्राजील के उपग्रह प्रक्षेपण के बाद अब भारत इटली के साथ कर रहा अवसरों की तलाश

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अंतरिक्ष अनुसंधान में अब भारत इटली के साथ अवसरों की तलाश कर रहा है।इसरो के अध्यक्ष एवं अंतरिक्ष विभाग में सचिव के. सिवन और एएसआई के अध्यक्ष जिर्योजियो साकोसिया ने अपने-अपने प्रतिनिमंडल का नेतृत्व किया।

बेंगलुरु। भारत और इटली ने धरती पर्यवेक्षण, अंतरिक्ष विज्ञान और रोबोटिक तथा मानवीय अन्वेषण के क्षेत्र में अवसरों की तलाश करने का फैसला किया है। यह निर्णय ऐसे समय लिया गया है जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाल में ब्राजील के उपग्रह का प्रक्षेपण किया है। अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को मजबूत करने की रणनीति के हिस्से के तौर पर इसरो तथा इंटेलियन स्पेस एजेंसी (एएसआई) के बीच बुधवार को डिजिटल तरीके से द्विपक्षीय बैठक हुई। इसरो के अध्यक्ष एवं अंतरिक्ष विभाग में सचिव के. सिवन और एएसआई के अध्यक्ष जिर्योजियो साकोसिया ने अपने-अपने प्रतिनिमंडल का नेतृत्व किया।

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इसरो की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया, ‘‘दोनों पक्षों ने पहले से जारी सहयोग की समीक्षा की और विषय आधारित कामकाजी समूह के गठन पर सहमति जताई जो धरती पर्यवेक्षण, अंतरिक्ष विज्ञान, रोबोटिक अन्वेषण एवं मानवीय अन्वेषण के क्षेत्र में सहयोग के अवसरों की तलाश करेंगे।’’ गौरतलब है कि 28 फरवरी को इसरो ने श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से ब्राजील के उपग्रह अमेजनिया-1 का सफल प्रक्षेपण किया था। प्रक्षेपण के वक्त ब्राजील के विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष मंत्री मार्कोस पोनटेस मौजूद थे और बाद में उन्होंने तथा उनके प्रतिनिधिमंडल ने सिवन के नेतृत्व में इसरो के दल के साथ बैठक कर द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई थी। सिवन ने ऑस्ट्रेलिया की अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख एनरिको पार्लेमो के साथ भी 17 फरवरी को ऑनलाइन बैठक की थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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