भारत बाघों के प्रबंधन का नेतृत्व करने को तैयार, जावड़ेकर बोले- यह हमारी प्राकृतिक संपदा है

Prakash Javadekar

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत आज बाघ श्रेणी के देशों के साथ मिलकर बाघों के संरक्षण में विश्व का नेतृत्व करने को तैयार है।

नयी दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को कहा कि भारत बाघ श्रेणी के देशों के साथ मिलकर बाघों के प्रबंधन का नेतृत्व करने को तैयार है। ‘‘ग्लोबल टाइगर डे’’ की पूर्व संध्या पर केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भूमि और वर्षा के अभाव के बावजूद भारत ने बांघ संपत्ति को लेकर जो उपलब्धि हासिल की है उस पर उसे गर्व है। उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 1973 में जहां सिर्फ नौ टाइगर रिजर्व थे, आज वे बढ़कर 50 हो गए हैं। यह जानना महतवपूर्ण है कि इनमें से कोई भी रिजर्व खराब गुणवत्ता वाला नहीं है। या तो वे अच्छे हैं या बेहतर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक भूमि का महज 2.5 फीसद, चार फीसद वर्षा और विश्व की आबादी का 16 फीसद होने की बाध्यता के बावजूद, भारत वैश्विक जैव-विविधता के मामले में आगे है। दुनिया की 70 फीसद बाघ की आबादी आज भारत में है। ’’ 

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उन्होंने कहा कि भारत आज बाघ श्रेणी के देशों के साथ मिलकर बाघों के संरक्षण में विश्व का नेतृत्व करने को तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत को अपनी बाघ संपत्ति पर गर्व है। यह हमारी प्राकृतिक संपदा है। देश में आज दुनिया की 70 फीसद बाघ आबादी है। हम सभी 13 बाघ श्रेणी के देशों के साथ बाघों के वास्तविक प्रबंधन में काम करने के लिए तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा कि देश को गर्व होना चाहिए कि बाघों की संख्या के मामले में हम विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत की सॉफ्ट पावर है और इसे दुनिया के सामने हमें बेहतर तरीके से ले भी जाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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