भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्र पूरी तरह सुरक्षित: जितेन्द्र सिंह
इंडिया एनर्जी फोरम’ के 11वें परमाणु ऊर्जा सम्मेलन में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री और परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे जितेन्द्र सिंह ने कहा, ‘‘भारत भाभा के परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के लक्ष्य पर कायम है। हम इसका सब्जियों का जीवन काल बढ़ाने तथा चिकित्सा के क्षेत्र में व्यापक उपयोग कर रहे हैं।’’
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को लेकर आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि देश परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के अपने वादे पर कायम है और परमाणु ऊर्जा के हमारे संयंत्र पूरी तरह सुरक्षित तथा बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि हम चिकित्सा समेत विभिन्न क्षेत्रों में इसका उपयोग कर रहे हैं और यह पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि परमाणु ऊर्जा उपयोग का मतलब बम बनाना नहीं है।‘इंडिया एनर्जी फोरम’ के 11वें परमाणु ऊर्जा सम्मेलन में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री और परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे सिंह ने कहा, ‘‘भारत भाभा के परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के लक्ष्य पर कायम है। हम इसका सब्जियों का जीवन काल बढ़ाने तथा चिकित्सा के क्षेत्र में व्यापक उपयोग कर रहे हैं।’’नये परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के बारे में सिंह ने कहा, ‘‘ हमारे ज्यादातर परमाणु संयंत्र तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में हैं। हमने इसका विस्तार शुरू किया है। हम हरियाणा के गोरखपुर में परमाणु संयंत्र लगा रहे हैं।
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मेघालय जैसे पूर्वोत्तर राज्य में यूरेनियम के स्रोत हैं जिसके उपयोग की जरूरत है।’’कार्मिक मंत्रालय और पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे सिंह ने कहा, ‘‘नई परियोजनाएं लगाने में समस्या है। हाल में राजस्थान में देखने को मिला। आप कहीं भी संयंत्र लगायें, 48 घंटे के भीतर कोई बयान आ जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लोगों को यह समझने की जरूरत है।भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में कितने वैज्ञानिक रेडिएशन से मरे?एक भी मामला ऐसा नहीं हुआ है। पश्चिम देशों में रिहायशी इलाकों में भी परमाणु संयंत्र बन रहे है। हमारे संयंत्र इस लिहाज से काफी बेहतर, सुरक्षित हैं। हमारे वैज्ञानिक इसको लेकर पूरा एहतियात बरतते है।’’क्षेत्र के समक्ष कोष की कमी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में परमाणु ऊर्जा विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, ओएनजीसी और आईओसी के साथ संयुक्त उद्यम बनाया है। इससे कोष की बाधा से कुछ हद तक निपटने में मदद मिली है। यह पहल दोनों के लिये फायदेमंद साबित हुई है।
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सिंह ने कहा कि बाधाओं के बावजूद क्षेत्र में अच्छा काम हुआ है ओर इसका श्रेय वैज्ञानिकों को जाता है। मंत्री ने कहा कि प्रगति मैदान में ‘हाल ऑफ न्यूक्लियर पावर’ बनाया गया है जिसके जरिये परमार्ण ऊर्जा के बारे में अच्छी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।उन्होंने सोशल मीडिया आदि के जरिये परमाणु ऊर्जा के बेहतर उपयोग को लेकर जानकारी का प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया।
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