भारत ने म्यांमार से कहा: हर मदद करने को तैयार
म्यांमार में मार्च में नयी सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत से प्रथम उच्च स्तरीय यात्रा पर पहुंचीं विदेश मंत्री ने इस पड़ोसी देश को संदेश दिया कि भारत ‘हर मदद’ करने को तैयार है।
ने प्यी दा। म्यांमार में दशकों के सैन्य शासन और मार्च में नयी सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत से प्रथम उच्च स्तरीय यात्रा पर यहां पहुंची विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस पड़ोसी देश को संदेश दिया कि भारत ‘हर मदद’ करने को तैयार है। स्वराज ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का संदेश है। सुषमा ने यहां राष्ट्रपति यू हीन कयाव से मुलाकात की और ‘स्टेट काउंसिलर’ एवं विदेश मंत्री आंग सान सू की से भी वार्ता की।
सही ढंग से हुए प्रथम चुनाव में मिली जीत को लेकर सू की को बधाई देते हुए स्वराज ने उन्हें हर मदद का भरोसा दिलाया। स्वराज ने सू की के साथ अपनी बैठक में कहा, ‘‘भारत आपके लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने और आपके लोगों के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है।’’ सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी ने पिछले साल हुए चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी जिसने पांच दशक पुराने सैन्य शासन को समाप्त कर दिया। सुषमा की एक दिवसीय यात्रा में उनके साथ विदेश सचिव एस. जयशंकर और विदेश मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी हैं।
इस साल की शुरूआत में असैन्य सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत से यह प्रथम उच्च स्तरीय यात्रा है। नोबेल पुरस्कार विजता सू की ने समर्थन के लिए स्वराज का शुक्रिया अदा किया है। सैन्य शासन कालीन संविधान के द्वारा राष्ट्रपति बनने पर प्रतिबंध का सामना करने के बावजूद सू की का देश की प्रथम असैन्य सरकार पर मजबूत नियंत्रण है। दिलचस्प है कि सू की के चीन की यात्रा के कुछ ही दिन बाद स्वराज की यात्रा हुई है। भारत और म्यांमा के बीच निकट संबंध हैं और कृषि, आईटी, मानव संसाधन विकास, बुनियादी ढांचा विकास, संस्कृति इत्यादि क्षेत्रों में दोनों के बीच विकास सहयोग कार्यक्रम चल रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि यह यात्रा म्यांमार की नयी सरकार के वरीयता वाले क्षेत्रों में साझेदारी मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराती है।
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