भारतीय वायुसेना प्रमुख VR Chaudhary चार दिवसीय यात्रा पर श्रीलंका पहुंचे

vr chaudhary
प्रतिरूप फोटो
ANI Image

गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका पर चीन अपना प्रभाव बनाने की कोशिश कर रहा है। चीन ने एशिया में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अपने ‘‘बेल्ट एंड रोड’’ पहल (बीआरआई) के तहत श्रीलंका को अरबों डॉलर का ऋण दिया है। हालांकि, बीआरआई के तहत कुछ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से श्रीलंका को लाभ नहीं हुआ है।

नयी दिल्ली/कोलंबो। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी श्रीलंका की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर सोमवार को कोलंबो पहुंचे। अपनी इस यात्रा के दौरान वह श्रीलंका के शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को प्रगाढ़ करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। वायुसेना प्रमुख का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब चीन, श्रीलंका पर अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जो भारत के लिए चिंता का विषय है। श्रीलंका की वायु सेना के कमांडर एयर मार्शल एस के पथिराणा के निमंत्रण पर वायु सेना प्रमुख चौधरी श्रीलंका की यात्रा कर रहे हैं।

श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त ने ट्वीट किया, ‘‘ भारत-श्रीलंका के मजबूत रक्षा संबंधों को रेखांकित करते हुए एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी चार दिवसीय दौरे पर श्रीलंका पहुंचे। श्रीलंका की वायु सेना के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को प्रगाढ़ करने के तरीकों पर चर्चा के लिए वह श्रीलंका के शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व से मुलाकात करेंगे।’’ इस यात्रा के दौरान, वह श्रीलंका के राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के छात्रों से भी बातचीत करेंगे और श्रीलंकाई वायु सेना अकादमी का दौरा करेंगे। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक वायु सेना प्रमुख का यह दौरा दोनों देशों के बीच मौजूदा व्यापारिक संबंधों और आपसी सहयोग को बढ़ावा देगा। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय वायुसेना प्रमुख का श्रीलंका के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा राज्य मंत्री, रक्षा प्रमुख, रक्षा सचिव और देश की वायु सेना, सेना और नौसेना के कमांडरों से मिलने का कार्यक्रम है।

पिछले साल अगस्त में, भारतीय नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एस एन घोरमडे ने श्रीलंका की दो दिवसीय यात्रा की थी। उस दौरान भारत ने श्रीलंका को एक डोर्नियर समुद्री निगरानी विमान सौंपा था। उस अवसर पर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भी मौजूद थे। यह समारोह ऐसे समय में हुआ था जब भारत ने अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाई थी। इससे एक दिन पहले चीनी मिसाइल और उपग्रह ट्रैकिंग जहाज युआन वांग-5 श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचा था। गौरतलब है कि गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका पर चीन अपना प्रभाव बनाने की कोशिश कर रहा है। चीन ने एशिया में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अपने ‘‘बेल्ट एंड रोड’’ पहल (बीआरआई) के तहत श्रीलंका को अरबों डॉलर का ऋण दिया है। हालांकि, बीआरआई के तहत कुछ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से श्रीलंका को लाभ नहीं हुआ है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़