चीन और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सरहद पर तेजस विमान तैनात

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सूत्रों ने यह भी बताया कि दक्षिणी वायु कमान के तहत सुलूर एयरबेस से बाहर तेजस का पहला स्क्वॉड्रन फ्लाइंग ड्रैगन के नाम से जाना जाने वाले 45वें स्क्वाड्रन को एक ऑपरेशनल भूमिका के तहत तैनात किया गया है।

नयी दिल्ली। भारत और चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच अब भारतीय वायुसेना ने हवाई सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए पाकिस्तान सीमा से लगे वेस्टर्न फ्रंट पर स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस को तैनात किया है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि भारतीय वायुसेना ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को पाकिस्तान सीमा के पास वेस्टर्न फ्रंट पर तैनात किया है ताकि दुश्मनों की हरकतों पर नजर रखा जा सके और समय रहते माकूल जवाब भी दिया जा सके। 

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सूत्रों ने यह भी बताया कि दक्षिणी वायु कमान के तहत सुलूर एयरबेस से बाहर तेजस का पहला स्क्वॉड्रन फ्लाइंग ड्रैगन के नाम से जाना जाने वाले 45वें स्क्वाड्रन को एक ऑपरेशनल भूमिका के तहत तैनात किया गया है। बता दें कि स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले प्राचीर से तारीफ की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि एलसीए मार्क-1ए वर्जन को खरीदने की डील जल्द ही पूरी होने की संभावना है। 

किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सेना तैयार

चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच अब भारतीय सेना ने अपनी कमर कस ली है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के पास भारतीय सैनिक भी अपने नए टेंट बना लिए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय सेना तब तक पूर्वी लद्दाख से पीछे नहीं हटने वाली है जब तक चीनी सैनिक पीछे नहीं हट जाते हैं। वहीं, चीन के दम पर उचनके वाले पाकिस्तान को लेकर भी भारत सतर्क हो गया है। 

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सीमाओं पर चीनी हमले के मद्देनजर भारतीय वायुसेना ने अपने हथियारबंद विमानों को चीन और पाकिस्तान दोनों ही सीमाओं पर तैनात किया है। सुरक्षाबलों को फॉरवर्ड एयरबेसों को वेस्टर्न और नॉर्दर्न फ्रंट की स्थितियों की देखभाल करने का जिम्मा सौंपा गया है। हाल ही में देखा गया था कि यहां से दिन और रात दोनों ही समय पर हवाई अभियान संचालित किए गए थे।

बता दें कि पैंगोंग झील के आसपास के इलाकों को लेकर चीन अपना अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं। जबकि दोनों देशों के बीच पांच दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी है। उम्मीद जताया जा रहा है कि जल्द ही भारत और चीन के बीच का यह सीमा विवाद समाप्त हो जाएगा।

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