अड़ियल रवैया छोड़ने को तैयार नहीं चीन ! जाड़े तक पीछे हटने की संभावना कम, भारतीय सैनिकों ने भी कसी कमर
सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिक अभी जाने की दशा में नजर नहीं आ रहे हैं और उनकी तैयारियां देखकर यह भी प्रतीत हो रहा है कि वह जाड़े में भी डटे रहने की तैयारियों के साथ आए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस हफ्ते वर्किंग मैकेनिजम फॉर कंसल्टेशन एंड कॉर्डिनेशन ऑन इंडिया-चीन बॉर्डर (डब्लूएमसीसी) की बैठक की तैयारी है। इस बैठक से पहले सेना के वरिष्ठ अधिकारियों और राजनीतिक अधिकारियों के बीच बैठक हुई। जिसमें यह तय हुआ कि किस तरह से बिंदुओं पर जोर दिया जाना है।
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सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिक अभी जाने की दशा में नजर नहीं आ रहे हैं और उनकी तैयारियां देखकर यह भी प्रतीत हो रहा है कि वह जाड़े में भी डटे रहने की तैयारियों के साथ आए हैं। हालांकि, भारतीय सैनिकों ने भी अपनी कमर कस ली है और इस ऊंचाई वाले इलाके से चीनी सैनिकों को धकेलकर ही दम लेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन से साथ जारी तनातनी को लेकर सोमवार को सेना, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक बैठक की। इस बैठक के बाद एक अधिकारी ने बताया कि एलएसी का मुद्दा सिर्फ बातचीत से हल होने योग्य नहीं है। जब तक चीनी सैनिक पूरी तरह से पीछे नहीं हट जाते हैं तब तक हमारे जवान भी डटे रहेंगे।
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बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए पांच दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी है। फिर भी चीन अपने अड़ियल रवैये को छोड़ने के लिए तैयार नहीं दिख रहा है। जिसको ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना ने भी तैयारियां पूरी कर ली हैं। नवंबर में लद्दाख के हालात बिगड़ने लगते हैं। आखिरी-आखिरी में यहां का तापमान माइनस 40 से 45 डिग्री तक पहुंच जाता है। चीन ने भले ही टेंट गाड़ लिया हो लेकिन क्या वह माइनस 40 डिग्री तापमान को झेलने के लिए तैयार हैं ?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना ने भी एलएसी के पास कई नई पोस्ट बनाई है। ताकि वह चीन की हर हरकतों पर नजर रख सकें। हालांकि, भारतीय सैनिकों को ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त इंतेजाम भी किया जा चुका है।
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