गुजरात में वडोदरा केंद्रीय जेल में कैदियों ने रेडियो स्टेशन शुरू किया

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वडोदरा केंद्रीय जेल के कैदियों ने बुधवार को अपना खुद का रेडियो स्टेशन शुरू किया। इस पहल का उद्देश्य कैदियों का पुनर्वासतथा उनके रचनात्मक पक्ष को व्यक्त करने में मदद करना है।

अहमदाबाद। वडोदरा केंद्रीय जेल के कैदियों ने बुधवार को अपना खुद का रेडियो स्टेशन शुरू किया। इस पहल का उद्देश्य कैदियों का पुनर्वासतथा उनके रचनात्मक पक्ष को व्यक्त करने में मदद करना है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने कहा कि जेल में लगभग 1,500 कैदी हैं और उनमें से कुछ को इस आंतरिक रेडियो जेल सेवा के हिस्से के रूप में रेडियो जॉकी बनने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इस तरह की रेडियो सेवा शुरू करने वाली यह गुजरात की चौथी जेल है।

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वडोदरा केंद्रीय जेल के कैदी कल्याण अधिकारी महेश राठौड़ ने पीटीआई-को बताया कि प्राधिकारियों ने जेल परिसर के भीतर एक स्टूडियो स्थापित किया है और 60 से अधिक स्पीकर विभिन्न बैरकों में स्थापित किये गए हैं ताकि कैदी रेडियो सेवा को सुन सकें। उन्होंने कहा, ‘‘इस सेवा का मुख्य लाभ यह है कि हम कैदियों के बीच विभिन्न मुद्दों के बारे में उन्हें शिक्षित करने के साथ ही उनमें जागरूकता फैला सकें।’’

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गुजरात के कारागार महानिरीक्षक के एल एन राव ने बुधवार को यहां केंद्रीय जेल में सेवा का शुभारंभ किया और कहा कि यह जेल कैदियों के लिए बहु-स्तरीय इन्फोटेनमेंट (सूचना और मनोरंजन) मंच के रूप में काम करेगा। अहमदाबाद केंद्रीय जेल में पिछले साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर इस तरह की रेडियो सेवा शुरू की गई थी। यह सेवा बाद में राजकोट और लाजपोर (सूरत) जेलों में भी शुरू की गई थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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