डोभाल ने सुरक्षाबलों को दिए निर्देश, जम्मू कश्मीर में आतंक रोधी अभियान करें तेज
अधिकारियों ने बताया कि एनएसए ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आतंकवाद रोधी अभियान में तेजी लाएं तथा घाटी के कुछ हिस्सों में गतिविधियां चला रहे आतंकवादियों को निशाना बनाएं।
श्रीनगर। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बृहस्पतिवार को सिलसिलेवार उच्चस्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की और सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जम्मू कश्मीर में आम लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए कदम उठाएं तथा आतंकवाद रोधी अभियान तेज करें। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए कि आम लोगों को किसी भी तरह से जानमाल की क्षति नहीं पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को यहां एक दिन के दौरे पर पहुंचे डोभाल ने सुरक्षा अधिकारियों और नौकरशाहों के साथ कई बैठकें कीं। इस दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आतंकवादी समूहों से भयभीत हुए बगैर आम आदमी अपनी दिनचर्या का ठीक तरीके से पालन कर सके। इसके बाद वह राष्ट्रीय राजधानी लौट गए।
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केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को प्राप्त विशेष दर्जा समाप्त करने और इसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों- जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने के बाद डोभाल की यह घाटी की दूसरी यात्रा थी। दोनों केंद्र शासित क्षेत्र 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे और उसी दिन दोनों क्षेत्रों के पहले उपराज्यपाल शपथग्रहण करेंगे। बैठक के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने लोगों के लिए विकास योजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों से कहा कि वे इसे लागू करने में तेजी लाएं। इनमें लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना, लोगों के व्यवसाय के लिए कश्मीर घाटी से बाहर सेब की खेप भेजा जाना आदि शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि एनएसए ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आतंकवाद रोधी अभियान में तेजी लाएं तथा घाटी के कुछ हिस्सों में गतिविधियां चला रहे आतंकवादियों को निशाना बनाएं।
उन्होंने कहा कि बहरहाल, डोभाल ने आगाह किया कि आतंकवाद के खिलाफ अभियान के दौरान सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आम लोगों को जानमाल का कोई नुकसान न हो। अधिकारियों ने कहा कि यह निर्देश इन खबरों के बाद दिया गया कि आतंकवादी आम लोगों, सेब उत्पादकों को धमका रहे हैं और जबर्दस्ती कर्फ्यू जैसी स्थिति पैदा कर रहे हैं। केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने की घोषणा करने के बाद एनएसए ने अपनी पहली यात्रा के दौरान यहां 11 दिनों तक डेरा डाला था। उस दौरान डोभाल ने सुनिश्चित किया था कि सरकार के निर्णय के बाद वहां हिंसा की कोई घटना नहीं हो।
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एनएसए राज्य में नियमित आधार पर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में नियंत्रण रेखा के पास और अंदरूनी हिस्सों में तैनात सुरक्षाबलों के बीच बेहतर तालमेल हो सके। वहीं, राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने एनएसए को अवगत कराया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन दुकानदारों की हत्या करने, फल उत्पादकों को डराने-धमकाने इत्यादि कृत्यों को अंजाम देने में शामिल हैं। प्रवक्ता ने कहा कि इस पर डोभाल ने सभी संबंधित विभागों को ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और आम आदमी को अधिक से अधिक सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
Jammu & Kashmir: National Security Advisor (NSA), Ajit Doval also asked security forces to be on high alert on the borders and strengthen the counter infiltration grid in view of reports about large scale infiltration attempts. https://t.co/TVMMUTKvdQ
— ANI (@ANI) September 26, 2019
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