क्या भाजपा में जाने की तैयारी में हैं सिद्धू? कैप्टन के प्रस्ताव का अब तक नहीं दिया जवाब

Sidhu
अंकित सिंह । Apr 7 2021 4:51PM

पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह से टकराव के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने उनकी कैबिनेट से हटने का फैसला किया था। विश्लेषक इसे पार्टी की अंदरूनी लड़ाई बताते हैं। हाल में से सिद्धू किसानों के समर्थन में बोलते हुए नजर आए थे।

अजब सिद्धू की गजब कहानी है। दरअसल हम बात कर रहे हैं कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में पूर्व मंत्री रहे नवजोत सिंह सिद्धू की। क्रिकेट के बाद राजनीति में कैरियर बनाने वाले सिद्धू को वाकपटुता में महारत हासिल है। लेकिन आजकल थोड़े खामोश हैं। खामोशी की चादर उन्होंने तब से ओढ़ रखी है जब से उन्होंने पंजाब मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह से टकराव के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने उनकी कैबिनेट से हटने का फैसला किया था। विश्लेषक इसे पार्टी की अंदरूनी लड़ाई बताते हैं। हाल में से सिद्धू किसानों के समर्थन में बोलते हुए नजर आए थे। इसके बाद सिद्धू से जुड़ी एक और खबर आती है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें बुलावा भेजा है। सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच मुलाकात भी होती है। चर्चा भी होती है। पुराने गिले-शिकवे के भूल जाने के बाद नई कोशिश को परवान चढ़ाने की भी बात होती है। 

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बात ये होने लगी कि सिद्धू एक बार फिर से कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में शामिल होंगे। उन्हें हम मंत्रालय दिया जाएगा। लेकिन फिलहाल इन सब चीजों पर चर्चा नहीं हो रही है। सूत्र बताते हैं कि अमरिंदर के प्रस्ताव को सिद्धू ने सोचकर बताने को कहा था। हालांकि अब तक उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया है। सिद्धू भी यह जानते हैं कि अगले साल चुनाव होने में महज कुछ ही महीने बचे हैं। मंत्री भी रहेंगे तो कुछ महीनों के लिए ही। ऐसे में उन्हें कुछ खास हासिल होने वाला नहीं है। यही कारण है कि वह कांग्रेस में रहते हुए दूसरे विकल्पों की कोशिश में हैं। चाहते हैं कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का पद दिया जाए। लेकिन कैप्टन उन्हें मजबूत नहीं करना चाहते।

दूसरी ओर सिद्धू के लिए अब सिर्फ कांग्रेस ही विकल्प नहीं रहा। कांग्रेस के अलावा भी सिद्धू के लिए कई और जगह दरवाजे खुले हुए हैं। भाजपा में रहते हुए सिद्धू को सिर्फ आपत्ति अकाली दल से थी। ऐसे में सिद्धू के लिए अब भाजपा के भी विकल्प खुले हैं। भाजपा को भी पंजाब में अकालियों से अलग होने के बाद किसी बड़े चेहरे की तलाश है। सिद्धू भाजपा में थे तो उस वक्त वह पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जाकर अकालियों पर खूब बरसते थे। लेकिन अब अकाली पार्टी के साथ नहीं तो सिद्धू के लिए ज्यादा महफूज जगह भी है। 

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अकाली दल और भाजपा के रास्ते अलग अलग हो चुके है। भाजपा भी पंजाब में आम आदमी पार्टी, अकाली दल और कांग्रेस से मुकाबला करने के लिए बहरे चेहरे की तलाश में है। ऐसे में सिद्धू ने इस विकल्प को फिलहाल बंद नहीं किया है। इसके अलावा सिद्धू पर आम आदमी पार्टी थी समय-समय पर डोरे डालती रही है। सिद्धू के लिए वहां भी विकल्प खुले हुए हैं। भले ही सिद्धू के सामने कई विकल्प हैं पर फैसला उन्हें ही लेना है। सिद्धू इस बात को भी स्वीकार करते हैं कि वह कांग्रेस में हैं और कांग्रेस छोड़ने का उनका कोई प्लान नहीं है। देखना होगा कि सिद्धू कब तक कांग्रेस में रहते हैं। फिलहाल सिद्धू के दिमाग में क्या चल रहा है इसका जवाब वह खुद ही दे पाएंगे। 

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