आतंकियों को ISI ने दिया था फरमान, हमले में नाकामयाब होना तो इस तरह पहुंचाना भारत को नुकसान

ISI
रेनू तिवारी । Sep 17 2021 6:09PM

पूरे विश्व में आतंक के नाम पर इस समय केवल तालिबान-तालिबान ही चर्चा में है। अफगानिस्तान से अमेरिका की सेना वापस जाने के बाद तालिबानियों ने पूरे देश में जमकर कोहराम मचाया और अफगानिस्तान में एक आतंकी समूहों के साथ मिलकर सरकार बनायी।

नई दिल्ली। पूरे विश्व में आतंक के नाम पर इस समय केवल तालिबान-तालिबान ही चर्चा में है। अफगानिस्तान से अमेरिका की सेना वापस जाने के बाद तालिबानियों ने पूरे देश में जमकर कोहराम मचाया और अफगानिस्तान में एक आतंकी समूहों के साथ मिलकर सरकार बनायी। जहां तालिबान से होने वाले खतरों को लेकर चर्चा हो रही थी इसी बीच पाकिस्तान मीलों दूर बैठ कर भारत में आतंकी हमले की साजिश रच रहा था। पिछले कुछ सालों से जम्मू कश्मीर को छोड़ दिया जाए तो भारत में कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ है। पठानकोट, उरी, पुलवामा जैसे बड़े आतंकी हमले जम्मू कश्मीर में हुए थे, जिसके बदले में भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक भी की थी। अब पाकिस्तान अपने नये इरादों के साथ भारत में आतंकी साजिश रच रहा था लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसके मंसूबों को नाकाम कर दिया। 

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भारतीय एजेंसी के हाथ लगे पाकिस्तानी आतंकवादी ओसामा और जिशान ने खुलासा किया है कि उनको ट्रेंड करने में पाकिस्तानी खुफिया ऐजेंसी ISI का हाथ है। पूछताछ में आतंकियों ने बताया कि ISI  उनको ट्रैनिंग देता था इस ट्रेनिंग को जानकर कोई भी हैरान रह जाएगा। भारतीय ऐजेंसी की पूछताछ में आतंकवादियों ने बताया कि उनको खास मकसद के लिए तैयार किया जाता था और बॉम ब्लास्ट न कर पाने या नाकामयाब होने पर उनको सिखाया जाता था कि इसके बदले कोई बड़ा तगड़ा आर्थिक नुकसान देश को पहुंचाया जाए जिसमें बड़ी इमारतों, होटेल, बड़ी प्राइवेट फेक्ट्री, नीजि गोदाम, बड़े-बड़े शो रूम और बड़ी नामचीन दुकानों में आगजनी कर के देश को नुकसान पहुंचाना था। खुफिया एजेंसी ISI ने भारत और अन्य देशों से मस्कट में एक ट्रेनिंग सेंटर खोला हुआ था जिसमें कॉन्ट्रेक्ट बेस पर कुछ लोगों को हायर भी किया गया था जिन्हे हर महीने महनताना दिया जाता था। लड़को की ट्रेनिंग और इस ऑपरेशन की निगरानी और अगुआई ISI  ही कर रही थी।

 

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जिशान और ओसामा ने बताया कि वहां कई शिफ्ट में काम होता था। ट्रेनिंग के समय एक मौलवी आता था जो उनको जिहाद और खास समुदाय पर हो रहे जुल्म की वीडियो दिखाता था। इसके बाद दूसरी शिफ्ट में हथियार चलाने और तीसरी शिफ्ट में विस्फोटक बनाने और उनको प्लान करने के गुर सिखाने के लिए नई टीम आती थी

मस्कट के लोगों को  पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने सैलरी पर रखा है जिनका काम टेरर कैंप में ट्रेनिंग लिए आने वाले लड़ाको कों पानी के रास्ते मस्कट से पाकिस्तान ले जाया जाता है। बोट में ISI का एक शख्स हमेंशा मौजूद रहता है जिससे वह वहां के मूवमेंट की खबर रखे  और हर जानकारी अपने अधिकरियों तक पहुंचा सके। 

आपको बता दें कि पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट पर जिस फार्म हाउस पर इनको ट्रेनिंग दी गई वो किसी टेरर कैंप से कम नहीं था वहां फिजिकल ट्रेनिंग के साथ फायरिंग रेंज देने का इंतजाम भी था।

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