विकास कार्य करते समय पर्यावरण की रक्षा करना जरूरी: उच्चतम न्यायालय

Supreme Court
ANI

कांचा गाचीबोवली वनक्षेत्र में वनों की कटाई की गतिविधियों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए, उच्चतम न्यायालय ने तीन अप्रैल को अगले आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को तेलंगाना सरकार को कांचा गाचीबोवली वन स्थल के समग्र पुनरुद्धार के वास्ते एक ‘‘अच्छा प्रस्ताव’’ पेश करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया और कहा कि राज्य सरकार को काटे गए पेड़ों को फिर से लगाना होगा।

प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि वन क्षेत्र को बहाल किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह विकास के खिलाफ नहीं है, लेकिन पर्यावरण की रक्षा की जानी चाहिए।

पीठ ने मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद के लिए स्थगित करते हुए कहा, समय-समय पर न्यायालय कहता रहा है कि हम विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह सतत विकास होना चाहिए।

विकास संबंधी गतिविधियां करते समय, पर्यावरण और वन्य जीवन के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए तथा क्षतिपूर्ति के उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए। यदि सरकार ऐसा कोई प्रस्ताव लेकर आती है तो हम उसका स्वागत करेंगे।

तेलंगाना सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि राज्य सरकार पूरे प्रस्ताव पर समग्र रूप से विचार कर रही है, जिसमें पर्यावरण और वन्यजीवों के हितों को विकास कार्यों के साथ संतुलित करने का प्रयास किया जा रहा है।

शीर्ष अदालत ने 15 मई को कहा था कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के निकट पेड़ों की कटाई प्रथम दृष्टया पूर्व नियोजित प्रतीत होती है। अदालत ने तेलंगाना सरकार से कहा था कि वह इसे बहाल करे अन्यथा उसके अधिकारियों को जेल हो सकती है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा था कि यह सरकार पर निर्भर है कि वह जंगल को बहाल करे या अपने अधिकारियों को जेल भेजे। कांचा गाचीबोवली वनक्षेत्र में वनों की कटाई की गतिविधियों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए, उच्चतम न्यायालय ने तीन अप्रैल को अगले आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।

न्यायालय ने पेड़ों की कटाई के लिए जल्दबाजी में की गई कार्रवाई के लिए 16 अप्रैल को तेलंगाना सरकार को फटकार लगाई थी और निर्देश दिया था कि यदि वह चाहती है कि उसके मुख्य सचिव को किसी भी गंभीर कार्रवाई से बचाया जाए, तो उसे 100 एकड़ वन-रहित भूमि को बहाल करने के लिए एक विशिष्ट योजना प्रस्तुत करनी होगी।

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