दिलचस्प होगा मजीठा में सियासी संग्राम, शिअद-कांग्रेस के बीच होती रही है कांटे की टक्कर

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प्रतिरूप फोटो

मजीठा विधानसभा सीट में 100 से ज्यादा गांव हैं। यहां से बिक्रम सिंह मजीठिया ने साल 2017 का चुनाव 22,884 वोट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। हालांकि बिक्रम सिंह मजीठिया ने इस बार पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की चुनौती को स्वीकार करते हुए मजीठा सीट को छोड़ दिया और उनके ख़िलाफ़ अपना पर्चा भरा।

पंजाब में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने एक-दूसरे पर हमले तेज कर दिए हैं। तमाम राजनीतिक दलों के दिल्लीवाले नेताओं का पिंड में जमघट लगा पड़ा है। ऐसे में हम बात मजीठा विधानसभा क्षेत्र की करेंगे। इस सीट से दो भाई अलग-अलग दलों से एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं और जीत का दावा कर रहे हैं। जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के उम्मीदवार को जीत मिली थी। 

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मजीठा विधानसभा सीट में 100 से ज्यादा गांव हैं। यहां से बिक्रम सिंह मजीठिया ने साल 2017 का चुनाव 22,884 वोट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। हालांकि बिक्रम सिंह मजीठिया ने इस बार पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की चुनौती को स्वीकार करते हुए मजीठा सीट को छोड़ दिया और उनके ख़िलाफ़ अपना पर्चा भरा।

आपको बता दें कि मजीठा सीट पर कांग्रेस और शिअद के बीच लड़ाई होती रही है। 2007 और 2012 में बिक्रम सिंह मजीठिया ने चुनाव जीता था, जबकि 2002 में कांग्रेस उम्मीदवार सलविंदर सिंह को जीत मिली थी। इससे पहले 1997 के चुनावों में अकाली दल का प्रत्याशी चुनकर विधानसभा पहुंचा था। इस सीट पर लड़ाई हमेशा रोचक रही है। मजीठा के लोगों ने बताया कि यहां पर क्राइम बढ़ गया है और पुलिस वाले कुछ भी नहीं करते हैं। इसके अतिरिक्त पंजाब में ड्रग्स का मुद्दा भी बहुत ज़्यादा सुर्खियां बटोर रहा है और कोई भी राजनैतिक दल इस पर नकेल नहीं कस रहे हैं।

भाई-भाई के बीच होगी लड़ाई

मजीठा विधानसभा क्षेत्र में दो भाई अपनी-अपनी जीत का दावा ठोंक रहे हैं। सुखजिंदर राज सिंह उर्फ ​​लल्ली मजीठिया आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके छोटे भाई जगविंदरपाल सिंह उर्फ ​​जग्गा मजीठिया कांग्रेस के टिकट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। शिअद ने बिक्रम सिंह मजीठिया की पत्नी गनीवे कौर को मजीठा सीट से मैदान में उतारा है। 65 वर्षीय सुखजिंदर राज सिंह पिछले महीने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। इसके बाद कांग्रेस ने मजीठा विधानसभा क्षेत्र से उनके छोटे भाई जगविंदरपाल को टिकट दिया है। 

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59 वर्षीय जगविंदरपाल सिंह ने कहा था कि जब उनके बड़े भाई मजीठा सीट से चुनाव लड़ रहे थे तो उन्होंने हमेशा जमीनी स्तर पर काम किया। पंजाब में 20 फरवरी को 117 सीटों के लिए मतदान होगा। इसको लेकर तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। जबकि 10 मार्च को चुनाव परिणाम सामने आएंगे।

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