जेपी नड्डा ने कहा- लोग तमिलनाडु को डीएमके वंश से मुक्त कराएं

J.P Nadda
प्रतिरूप फोटो
ANI

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने बृहस्पतिवार शाम दावा किया कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक)की कोई क्षेत्रीय आकांक्षा नहीं है और देश भर के कई क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की तरह वह वंशवाद की राजनीति को जारी रखना चाहती है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने बृहस्पतिवार शाम दावा किया कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक)की कोई क्षेत्रीय आकांक्षा नहीं है और देश भर के कई क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की तरह वह वंशवाद की राजनीति को जारी रखना चाहती है। उन्होंने लोगों से राज्य को “वंशवादी पार्टी” से “मुक्त’ बनाने की अपील की। नड्डा ने कहा कि तमिलनाडु में भाजपा काभविष्य उज्ज्वल है और मरुधु पांडी बंधुओं, वेलु नचियार और पुली तेवर जैसे महान योद्धाओं की इस पवित्र भूमि में कमल खिलेगा।

शिवगंगा जिले के कराईकुडी में रैली में नड्डा ने कहा कि पंजाब, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे कई राज्यों में क्षेत्रीय दल तमिलनाडु में द्रमुक जैसे पारिवारिक दल में तब्दील हो गए हैं। उन्होंने कहा, “स्टालिन और उनकी पार्टी द्रमुक की कोई क्षेत्रीय आकांक्षा नहीं है और न ही कोई योगदान है। पहले एम. करुणानिधि (पूर्व मुख्यमंत्री)थे। अब उनके बेटे स्टालिन आए हैं और फिर छोटे स्टालिन (उदयनिधि) आएंगे। जबकि पार्टी के बाकी सभी लोग तालियां बजाते रहते हैं।”

नड्डा ने आरोप लगाया, “स्टालिन और उनकी पार्टी विकास के बारे में बात नहीं कर सकती क्योंकि डीएमके में ‘डी’ शब्द का मतलब डाइनेस्टी (वंश), ‘एम’ का मतलब ‘मनी’ (पैसा) और ‘के’ का अर्थ कट्टा पंचायत (कंगारू कोर्ट) होता है।” उन्होंने कहा कि भाजपा देश की एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में, यह तमिलनाडु, तमिल भाषा, साहित्य, संस्कृति समेत लोगों के साथ-साथ क्षेत्रीय आकांक्षाओं का ख्याल रखते हुए आगे बढ़ रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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