जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ मौलाना मदनी की सुप्रीम कोर्ट सरकार को सीधी धमकी

Madani
ANI
अभिनय आकाश । Nov 29 2025 6:46PM

मदनी ने आरोप लगाया कि बाबरी मस्जिद और तीन तलाक के मामलों सहित हाल के अदालती फैसलों से पता चलता है कि न्यायपालिका "सरकारी दबाव में" काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि हाल के वर्षों में "ऐसे कई फैसले" सामने आए हैं जिन्होंने संविधान में अल्पसंख्यकों को दिए गए अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन किया है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी ने न्यायपालिका और सरकार पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर अत्याचार होगा, तो जिहाद होगा" कहकर विवाद खड़ा कर दिया। उनकी इस टिप्पणी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और उन पर मुसलमानों को भड़काने और संवैधानिक संस्थाओं को चुनौती देने का आरोप लगाया है। मदनी ने आरोप लगाया कि बाबरी मस्जिद और तीन तलाक के मामलों सहित हाल के अदालती फैसलों से पता चलता है कि न्यायपालिका "सरकारी दबाव में" काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि हाल के वर्षों में "ऐसे कई फैसले" सामने आए हैं जिन्होंने संविधान में अल्पसंख्यकों को दिए गए अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन किया है।

इसे भी पढ़ें: APJ कलाम से सीखो...मुस्लिमों पर चिल्ला रहे मदनी को फडणवीस से मिला करारा जवाब

उपासना स्थल अधिनियम, 1991 के बावजूद चल रहे मुकदमों का हवाला देते हुए, मदनी ने कहा कि इस तरह के घटनाक्रम संवैधानिक विचलन को उजागर करते हैं। उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट तभी तक 'सर्वोच्च' कहलाने का हकदार है जब तक वहाँ संविधान की रक्षा होती है। उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो यह गैर-अवशेष अवस्था में भी सर्वोच्च कहलाने का हकदार नहीं है। मदनी ने भारत में मुसलमानों के प्रति जनभावना का भी आकलन किया और बताया कि 10 प्रतिशत लोग उनके समर्थक हैं, 30 प्रतिशत उनके ख़िलाफ़ हैं, जबकि 60 प्रतिशत लोग चुप हैं। उन्होंने मुसलमानों से इस खामोश बहुसंख्यक समुदाय के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने का आग्रह किया।

इसे भी पढ़ें: भड़काऊ भाषण और जिन्ना के समर्थक! गिरिराज सिंह ने अरशद मदनी पर साधा निशाना

उन्हें अपने मुद्दे समझाएँ। अगर ये 60 प्रतिशत लोग मुसलमानों के ख़िलाफ़ हो गए, तो देश में बहुत बड़ा ख़तरा पैदा हो जाएगा। सार्वजनिक चर्चा में जिहाद को जिस तरह से पेश किया जाता है, उस पर आपत्ति जताते हुए मदनी ने मीडिया और सरकार पर एक पवित्र अवधारणा को विकृत करने का आरोप लगाया। उन्होंने लव जिहाद, थूक जिहाद और भूमि जिहाद जैसे लेबलों के इस्तेमाल की आलोचना करते हुए कहा कि ये सही अर्थ को गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं।

All the updates here:

अन्य न्यूज़