जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, हमारे संदेशों को कमजोरी के रूप में न देखे पाक: ओम बिरला

ओम बिरला

जम्मू-कश्मीर में 1965, 1971, 1999 (कारगिल) में पाकिस्तान की आक्रमकता, मुंबई हमले, संसद भवन पर हमला, उरी और पुलवामा हमला इस बात का सबूत है कि पड़ोसी देश आतंकवाद समर्थन की नीति रखता है।

नयी दिल्ली।  जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान से कहा कि नयी दिल्ली के संदेशों को ‘कमजोरी के संकेत’ के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। इस्लामाबाद की निंदा करते हुए बिरला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान को अलग-थलन करना चाहिए क्योंकि इस देश के प्रधानमंत्री ने खतरनाक आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को अपनी संसद से ‘शहीद’ करार देकर उसका महिमामंडन किया। सूत्रों के अनुसार बिरला की यह टिप्पणी संसद अध्यक्षों के विश्व सम्मेलन में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाने के बाद आया है। यह सम्मेलन ऑनलाइन आयोजित किया गया। भारत के जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए बिरला ने एक लिखित बयान में कहा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अपनी जमीन पर 40,000 आतंकवादी की मौजूदगी को स्वीकार किया है। जम्मू-कश्मीर में 1965, 1971, 1999 (कारगिल) में पाकिस्तान की आक्रमकता, मुंबई हमले, संसद भवन पर हमला, उरी और पुलवामा हमला इस बात का सबूत है कि पड़ोसी देश आतंकवाद समर्थन की नीति रखता है।’’ 

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अध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने की नीति इस बात से भी स्पष्ट है कि उसने हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। ‘‘जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और भविष्य में भी बना रहेगा’ इसे रेखांकित करते हुए बिरला ने कहा कि ‘‘हम पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने की मांग करते हैं और हमारे संदेश को कमजोरी की तरह नहीं देखा जाना चाहिए।’’ इस दो दिवसीय सम्मेलन में बिरला भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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