तेजस्वी पर जदयू का हमला, राजीव रंजन बोले- चुनाव के पहले ही डूबने की स्थिति में महागठबंधन की नैया
पहले तो कांग्रेस ने तेजस्वी यादव को महागठबंधन का नेता मानने से इंकार कर दिया और फिर अब सीटों के तालमेल को लेकर कांग्रेस से कोई पहल होती हुई नहीं दिख रही है। राजद भी असमंजस की स्थिति में हैं।
पटना। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को महागठबंधन की नैया चुनाव के पहले ही डुबो देने की स्थिति पैदा करने के लिए जिम्मेदार बताया है। प्रसाद ने कहा कि राजद और कांग्रेस के बीच दूरियां लगातार बढ़ रही है। दोनों के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। पहले तो कांग्रेस ने तेजस्वी यादव को महागठबंधन का नेता मानने से इंकार कर दिया और फिर अब सीटों के तालमेल को लेकर कांग्रेस से कोई पहल होती हुई नहीं दिख रही है। राजद भी असमंजस की स्थिति में हैं।
हम पार्टी के बाद रालोसपा और वीआईपी के तेवर भी तल्ख़ दिख रहे है। कांग्रेस का यह जो ताजा रुख है इससे राजद की मुश्किल और बढ़ रही है और जनता का मोह भी तेजस्वी यादव के लिए भंग हो गया है और आगामी विधानसभा चुनाव में राजद एक बड़े हार की तरफ बढ़ रही है। दूसरी तरफ राज्य का खाली खजाना और बदहाल अर्थव्यवस्था 2005 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को विरासत में मिली थी। उस दौर से बिहार को निकालकर कामयाबी के जो परचम मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में बिहार ने लहराया है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 15 वर्षों में बिहार ने दर्जन बार जीडीपी 2 अंकों में दर्ज हुई है। और जीडीपी के मामले में बिहार में कई बार देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।#NDA एकजुटता के साथ आदरणीय नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने को तैयार है। पिछले 15 वर्षों में जिस तरह का काम आदरणीय नीतीश कुमार जी ने किया है, वह आज़ादी के 73 सालों में भी किसी भी हुक़ूमत ने नहीं किए थे। #NitishKumar #biharelection pic.twitter.com/q1U1xd4bnU
— Rajiv Ranjan Prasad (@RajivRanjanJDU) September 17, 2020
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मानव विकास सूचकांक एवं राजस्व घाटे को कम करने की चुनौतियों को भी हमने बखूबी अवसर में बदला। और जिस तरीके से बिहार में सड़कें, बिजली और सिंचाई की व्यवस्था के मामले में भी बिहार नित्य नये आयाम स्थापित कर रहा है। न्याय के साथ विकास का बिहार मॉडल अनुकरणीय है। दलितों एवं अन्य कमजोर वर्गों के लिए पिछले 15 वर्षों में हुए कार्यों ने मील का पत्थर स्थापित किया है। जिसे भी संदेह हो, जनता के बीच जाए।
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