जेएनयू में PM का पुतला जलाने की घटना की जांच का आदेश

[email protected] । Oct 13 2016 2:31PM

दशहरे पर प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं को रावण बताकर विद्यार्थियों के एक वर्ग द्वारा उनके पुतले विश्वविद्यालय परिसर में जलाए जाने की घटना की जांच के आदेश जेएनयू प्रशासन ने दे दिए हैं।

दशहरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं को रावण बताकर विद्यार्थियों के एक वर्ग द्वारा उनके पुतले विश्वविद्यालय परिसर में जलाए जाने की घटना की जांच के आदेश जेएनयू प्रशासन ने दे दिए हैं। मंगलवार रात को जिन पुतलों को परिसर में जलाया गया उनमें से एक पर विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर जगदेश कुमार की तस्वीर भी लगाई गई थी। जगदेश कुमार ने कहा, ‘‘पुतले जलाने की घटना की जांच का आदेश दे दिया गया है। हम इस मामले को देख रहे हैं।’’

इससे एक हफ्ते पहले विश्वविद्यालय ने गुजरात सरकार और गौरक्षकों के पुतले जलाए जाने के मामले में प्रॉक्टर से जांच करवाने के आदेश दिए थे और इससे संबंधित विद्यार्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। देशभर में दशहरे पर जहां ज्यादातर स्थानों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, 26:11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और विभिन्न आतंकी संगठनों के मुखियाओं के चेहरे लगाए गए थे वहीं कांग्रेस से संबद्ध संगठन एनएसयूआई ने प्रधानमंत्री और भाजपा प्रमुख अमित शाह के पुतले रावण के तौर पर जलाए। उन्होंने दावा किया कि ऐसा केंद्र द्वारा विश्वविद्यालय का सम्मान नहीं करने और देशभर के शैक्षणिक संस्थानों पर लगातार किए जा रहे हमलों के विरोध में किया गया है।

विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि इस कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं ली गई थी। प्रधानमंत्री और अमित शाह के अलावा जलाए गए पुतलों पर योग गुरु बाबा रामदेव, साध्वी प्रज्ञा, नाथूराम गोडसे, आसाराम बापू और विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर की तस्वीरें भी थीं।

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