पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ‘फर्जी’ एनआरसी आपत्तियों को लेकर चिंता जताई

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[email protected] । May 22 2019 6:28PM

उन्होंने कहा कि उनकी सात वर्ष की पुत्री और ‘‘पूरे परिवार के खिलाफ आपत्तियां की गई हैं और उन्हें एनआरसी सेवा केन्द्र में अपनी नागरिक साबित करने के लिए पेश होना है।’’

 गुवाहाटी। असम में लोगों के एक समूह ने ‘निहित स्वार्थ’ वाले व्यक्तियों द्वारा ‘‘उन वास्तविक भारतीय नागरिकों को प्रताड़ित’’ करने के लिए उठाई गई ‘‘झूठी’’ आपत्तियों पर बुधवार को चिंता जताई, जिनके नाम एनआरसी के मसौदे में हैं। पत्रकार और ‘सेंटर फॉर जस्टिस एंड पीस’ के संयोजक ज़मशेर अली ने कहा कि कुछ लोगों और समूहों द्वारा अपने ‘‘निहित स्वार्थों’’ के कारण उन ‘‘वास्तविक’’ भारतीयों के खिलाफ शिकायतें उठाई जा रही है जिन्होंने 19वीं शताब्दी की शुरुआत में राज्य में अपनी वंशावली की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि उनकी सात वर्ष की पुत्री और ‘‘पूरे परिवार के खिलाफ आपत्तियां की गई हैं और उन्हें एनआरसी सेवा केन्द्र में अपनी नागरिक साबित करने के लिए पेश होना है।’’ पत्रकार ने आरोप लगाया कि उनकी याचिका की सुनवाई के समय शिकायतकर्ता अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं होते।

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उन्होंने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने का एक ठोस प्रयास है कि वास्तविक भारतीय नागरिकों के नाम अंतिम एनआरसी से हटा दिए जाएं, जो 31 जुलाई को जारी किया जाना है।’’राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का उद्देश्य ‘‘वास्तविक’’ नागरिकों को ‘‘अवैध प्रवासियों’’ से अलग करना है। जुलाई, 2018 में प्रकाशित पंजी के पूर्ण मसौदे में 3.29 करोड़ आवेदकों में से 40.07 लाख नामों को शामिल किया गया था। एनआरसी की अंतिम सूची 31 जुलाई तक जारी होनी है। बारपेटा जिले में रामपुर गांव के एक सामाजिक कार्यकर्ता हारा कुमार गोस्वामी के नाम को शामिल किए जाने के खिलाफ भी आपत्तियां दर्ज की गई हैं। 

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गोस्वामी ने कहा, ‘‘हमारे गांव में पलायन का कोई इतिहास नहीं है लेकिन मेरे समेत पांच लोगों के खिलाफ आपत्तियां दर्ज की गई हैं। ऐसा मुख्यत: इसलिए है क्योंकि हम, अपनी नागरिकता स्थापित करने के लिए सामने आ रही समस्याओं को लोगों के सामने उठाते हैं।’’ इसी तरह का एक बयान देते हुए शोधकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता, सैयदा मेहज़बीन रहमान ने कहा, ‘‘आपत्तियां अंधाधुंध रूप से दर्ज की जाती हैं और मेरे मामले में, यह मेरे और मेरे रिश्तेदार के खिलाफ दायर की गई है।’’ इस बीच राज्य में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कोराझार में नागरिक पंजीकरण के जिला पंजीयक को सौंपे एक ज्ञापन में दावा किया था कि ‘‘फर्जी’’ लोग अपने अप्रत्यक्ष उद्देश्य से इस तरह की शिकायतें और आपत्तियां कर रहे है और इनके आधार पर ‘‘वास्तविक’’ नागरिकों को नोटिस जारी किये गये हैं। ज्ञापन की एक प्रति एनआरसी राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला को भी भेजी गई है।

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