MVA समिति ने कार शेड को कांजूरमार्ग ले जाने के विचार को किया था खारिज, सरकार ने नागरिकों के साथ किया विश्वासघात: फडणवीस

Devendra Fadnavis

भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ने कार शेड स्थल स्थानांतरित करके मुंबई के नागरिकों के साथ विश्वासघात किया है और इस वजह से मेट्रो रेल परियोजना में साढ़े चार साल की देरी होगी जिसे दिसंबर 2021 में खुलना था।

मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को दावा किया कि मुंबई मेट्रो-3 कार शेड को कांजूरमार्ग पर स्थापित करने का विचार शिवसेना नीत एमवीए सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञों की समिति ने खारिज कर दिया था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसी कांजूरमार्ग पर ही कार शेड स्थापित करने की घोषणा की है। ठाकरे ने रविवार को आरे कॉलोनी से मेट्रो कार को स्थानांतरित करने का ऐलान किया था और कहा था कि परियोजना के लिए कांजूरमार्ग जमीन शून्य दर पर उपलब्ध होगी। 

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सिलसिलेवार किए गए ट्वीटों में फडणवीस ने आरोप लगाया कि महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ने कार शेड स्थल स्थानांतरित करके मुंबई के नागरिकों के साथ विश्वासघात किया है और इस वजह से मेट्रो रेल परियोजना में साढ़े चार साल की देरी होगी जिसे दिसंबर 2021 में खुलना था। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि लाइन 3 और लाइन 6 को एकीकृत करके मुंबई मेट्रो तीन कार शेड को कांजूरमार्ग ले जाने का मुख्यमंत्री ठाकरे के प्रस्तावित विचार को स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति पहले ही खारिज कर चुकी है।

भाजपा नेता ने कहा कि एमवीए सरकार द्वारा गठित एसीएस मनोज सौनिक की अगुवाई वाली समिति ने कहा है कि मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटिड (एमएमआरसीएल) को आरे कॉलोनी में मौजूदा स्थल पर कार शेड निर्माण की अनुमति दी जाए। फडणवीस ने ट्विटर पर कहा कि उचित लागत पर, मुंबई मेट्रो परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए आरे भूमि ही एकमात्र विकल्प था। 

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उन्होंने कहा किकार्बन उत्सर्जन को कम करना, सौर पैनल लगाना, अपशिष्ट पानी का शोधन एवं पुनर्चक्रण, बिजली खपत को कम करने के लिए एलईडी लाइट का इस्तेमाल जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए आरे कार शेड की योजना बनाई गई थी। विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि रिपोर्ट यह भी कहती है कि पेड़ों को कटाने से पर्यावरण को जितना नुकसान होगा, उससे ज्यादा इस परियोजना से पर्यावरण को लाभ होगा। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि 2015 में, हमारी सरकार ने कांजूरमार्ग के विकल्प पर विचार किया था। हालांकि, देरी और भूमि से संबंधित विभिन्न कानूनी मुद्दों के कारण, इस विकल्प पर विचार करना बंद कर दिया गया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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