केदारनाथ धाम के कपाट खुले, भक्तों को 'दर्शन' करने की अनुमति नहीं

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केदारनाथ मंदिर के कपाट आज सुबह 6:10 बजे खोले गए। लॉकडाउन के कारण मंदिर में भक्तों को 'दर्शन' करने की अनुमति नहीं है। सरकारी परामर्श के तहत अभी चार धामों की यात्रा पर रोक है। अभी केवल कपाट खोले गये हैं ताकि पुजारी अपने स्तर पर नित्य पूजाएं संपन्न करा सकें।

देहरादून। उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालय में स्थित विश्वप्रसिद्ध बाबा केदारनाथ के धाम छह माह बंद रहने के बाद बुधवार प्रात: खोल दिए गये जिसके बाद प्रथम पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गयी। ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ भगवान के कपाट मेष लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र में प्रातःछह बज कर 10 मिनट पर विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना के बाद खोले गये। इस अवसर पर मंदिर को10 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। कोरोना वायरस संकट के चलते रूद्रप्रयाग जिले में स्थित मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर केवल मुख्य पुजारी, मंदिर समिति के पदाधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी ही मौजूद रहे और इस दौरान सामाजिक दूरी सहित सभी प्रकार के नियमों का पालन किया गया। 

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महामारी के कारण आम श्रद्धालुओं को कपाट खोले जाने के समारोह से दूर रखा गया। सरकारी परामर्श के तहत अभी चार धामों की यात्रा पर रोक है। अभी केवल कपाट खोले गये हैं ताकि पुजारी अपने स्तर पर नित्य पूजाएं संपन्न करा सकें। इससे पहले, 26 अप्रैल को अक्षयतृतीया पर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खोल दिए गये थे। चमोली में बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे। गढ़वाल हिमालय के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध इन मंदिरों को सर्दियों में भीषण ठंड और भारी बर्फबारी की चपेट में रहने के कारण हर साल अक्टूबर-नवंबर में बंद कर दिया जाता है और फिर अप्रैल-मई में दोबारा खोला जाता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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