मेयर के पत्र पर हुए विवाद की सीबीआई जांच के खिलाफ है केरल सरकार

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राजेन्द्रन ने अदालत को बताया कि यह पत्र फर्जी है। सरकार ने अदालत को बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और अपराध शाखा इसकी जांच कर रही है। सरकार ने कहा कि चूंकि मामला दर्ज हो गया है ऐसे में मौजूदा याचिका अनावश्यक है।

तिरुवनंतपुरम नगर निगम की मेयर आर्या राजेन्द्रन द्वारा निगम में भर्ती के लिए पार्टी कैडरों की प्राथमिकता सूची के संबंध में लिखे गए कथित पत्र से उपजे विवाद की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध करने वाली याचिका का केरल सरकार ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय में विरोध किया। राजेन्द्रन ने अदालत को बताया कि यह पत्र फर्जी है। सरकार ने अदालत को बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और अपराध शाखा इसकी जांच कर रही है। सरकार ने कहा कि चूंकि मामला दर्ज हो गया है ऐसे में मौजूदा याचिका अनावश्यक है।

गौरतलब है कि केरल उच्च न्यायालय ने विवाद पैदा करने वाले इस पत्र की जांच सीबीआई से कराने या इसकी न्यायिक जांच कराने का अनुरोध करने वाली याचिका पर नोटिस जारी करके राज्य की एलडीएफ सरकार और मेयर से जवाब मांगा था। याचिका दायर करने वाले जी. एस. श्रीकुमार ने ने अनुरोध किया था कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपा जाए या फिर न्यूनतम सब-ऑर्डिनेट न्यायाधीश के रैंक के मौजूदा न्यायाधीश से इसकी न्यायिक जांच करायी जाए और सतर्कता निदेशालय को इस संबंध में प्राथमिकता दर्ज करने को कहा जाए।

इस कथित पत्र को माकपा के जिला सचिव अनावूर नागप्पन को लिखा गया है और वामपंथी शासित वाले स्थानीय निकाय में अस्थाई भर्तियों के लिए पार्टी कैडर की प्राथमिकता देने को कहा गया है। मेयर राजेन्द्रन शुरूआत से इससे इंकार कर रही हैं कि उन्होंने नातो ऐसा पत्र लिखा है, नाहीं ऐसे पत्र पर हस्ताक्षर किया है और नाहीं ऐसा कोई पत्र भेजा है। उन्होंने दावा किया है कि यह पत्र संपादित मालूम होता है। मेयर का कहना है कि उन्हें संदेह है कि यह राजनीति से प्रेरित है और विपक्षी दलों कांग्रेस तथा भाजपा द्वारा उनके इस्तीफे की मांग को ‘मजाक’ बताकर उसे टाल दिया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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