बंगाल के खेला होबे की तर्ज पर 'खदेड़ा होबे', आखिर UP में क्यों हो रही इस नारे की चर्चा
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खदेड़ा होबे का नारा दिया है। अखिलेश यादव ने मऊ में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर बंगाल में खेला होबे हो सकता है तो यूपी में भी खदेड़ा होबे का नारा चल सकता है।
तृणमूल कांग्रेस के लोकप्रिय हुए चुनावी नारा ‘खेला होबे’ (खेल हो गया) को प्रतिद्वंद्वी बीजेपी भी चुनाव प्रचार के भुनाती दिखी थी और दोनों दलों के दिग्गजों ने इसके बोलों का जिक्र किया था। पश्चिम बंगाल में रैलियों में इस शब्द के इर्द गिर्द टीएमसी और बीजेपी दोनों ने नारे गढ़े थे। हिदी में इसका अर्थ होता है 'खेल होगा। पश्चिम बंगाल की राजनीति में खेला होबे के ट्रेंड होने के बाद अब उत्तर प्रदेश में एक नया नारा गढ़ा गया है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खदेड़ा होबे का नारा दिया है। अखिलेश यादव ने मऊ में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर बंगाल में खेला होबे हो सकता है तो यूपी में भी खदेड़ा होबे का नारा चल सकता है।
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यूपी को साधने के लिए पूर्वांचल को साधना बेहद जरूरी है। ये बात सभी पार्टियां भलि-भांति समझते हैं। इसलिए अखिलेश यादव ने अपनी सियासी जमीन मजबूत करने के लिए राजभर के साथ ही नोनिया समाज पर पकड़ रखने वाले संजय चौहान और महान दल के केशव मौर्या से पहले ही हाथ मिला लिया था। 2017 की बात करें तो पूर्वांचल में 164 में से 115 सीटें बीजेपी ने ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के साथ मिलकर जीती थी। लेकिन इस बार राजभर ने अखिलेश से हाथ मिला लिया है। सुभासपा द्वारा अपने 19वें स्थापना दिवस के मौके पर यहां आयोजित वंचित, पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक भागीदारी महापंचायत में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और सुभासपा के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने हालिया पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी द्वारा दिए गए खेला होबे के नारे की तर्ज पर आगामी उप्र विधानसभा चुनाव के लिए खदेड़ा होवे का नारा दिया।
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