राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर बनाने की प्रक्रिया में नहीं किया जा रहा भेदभाव: रिजिजू
सरकार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार और उसकी निगरानी में असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स...एनआरसी) तैयार किया जा रहा है।
नयी दिल्ली। सरकार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार और उसकी निगरानी में असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स...एनआरसी) तैयार किया जा रहा है और इस प्रक्रिया में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार एनआरसी के मसौदे का प्रकाशन उच्चतम न्यायालय की निगरानी में हुआ।
रिजिजू ने कांग्रेस सदस्य संजय सिंह के इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया कि पूर्वोत्तर राज्य में गैर असमी लोगों के खिलाफ भेदभाव हो रहा है और लोगों को अवैध तरीके से हिरासत में लिया जा रहा है। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन कर रही है। इससे पहले, कांग्रेस के संजय सिंह ने यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया था कि एनआरसी तैयार किया जा रहा है लेकिन इसकी जो प्रक्रिया है उसे देख कर संदेह होता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि एनआरसी तैयार करते समय कई लोगों के नाम छोड़ दिए गए और करीब सवा लाख मतदाताओं को संदिग्ध ‘डी वोटर’ की श्रेणी में रखा गया है। इन लोगों को हिरासत में भी ले लिया जाता है।
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