- |
- |
किसान आंदोलनः UP के कई जिलों में चक्का जाम, शनिवार-रविवार को भी जारी रहेगा आंदोलन
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- नवंबर 27, 2020 18:44
- Like

लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन अरोड़ा ने इस संदर्भ में पूछे जाने पर बताया कि अहिमामऊ, चिनहट, और मोहनलालगंज समेत कुल पांच स्थानों पर विरोध प्रदर्शन के लिए किसान एकत्रित हुए थे, लेकिन उन्हें समझा-बुझा कर धरना प्रदर्शन के लिए बनाये गये ईको गार्डेन भेज दिया गया।
लखनऊ /बागपत। केन्द्र सरकार से तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों मेंचक्का जाम और विरोध प्रदर्शन किया। लखनऊ में भारतीय किसान यूनियन ने अहिमामऊ-सुल्तानपुर रोड पर चक्का जाम की तैयारी की थी, लेकिन प्रशासनिक मुस्तैदी से यह संभव नहीं हो सका। किसानों ने कल और परसों भी आंदोलन जारी रखने का एलान किया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने 77 किसानों द्वारा गिरफ़्तारी देने का दावा किया है, लेकिन पुलिस का कहना है कि हिरासत में लेकर इन्हें छोड़ दिया गया। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने शुक्रवार को को बताया कि पुलिस ने रात से ही हमारे आंदोलन को कमजोर करने के लिए मेरे गांव नौबस्ता कला में घेराबंदी कर दी और किसान भवन घेर लिया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को सुबह किसान तय कार्यक्रम के अनुसार अहिमामऊ-सुलतानपुर मार्ग पर जाम करने के लिए निकले, लेकिन देवा रोड पर ही हमें पुलिस ने रोक लिया और सभी को ईको गार्डेन ले जाया गया। प्रदेश उपाध्यक्ष ने कुल 77 किसानों द्वारा गिरफ़्तारी देने का दावा करते हुए कहा कि हमारा आंदोलन रुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि रविवार को ट्रैक्टर-टाली से सैकड़ों किसान दिल्ली में धरना देने जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसान तो न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून चाहते हैं लेकिन सरकार किसान विरोधी कानून थोप रही है। पुलिस के अनुसार लखनऊ में चार-पांच अलग-अलग स्थानों पर किसानों ने प्रदर्शन की कोशिश की लेकिन उन्हें हिरासत में लेकर बाद में छोड़ दिया गया।
लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन अरोड़ा ने इस संदर्भ में पूछे जाने पर बताया कि अहिमामऊ, चिनहट, और मोहनलालगंज समेत कुल पांच स्थानों पर विरोध प्रदर्शन के लिए किसान एकत्रित हुए थे, लेकिन उन्हें समझा-बुझा कर धरना प्रदर्शन के लिए बनाये गये ईको गार्डेन भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि कुल किसानों की संख्या करीब 250 रही होगी जिनमें किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है। अरोड़ा ने बताया कि मोहनलालगंज में भी कुछ किसानों ने एक अलग मामले में प्रदर्शन किया था और उनका भी ज्ञापन ले लिया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि किसानों की चेतावनी को देखते हुए पूरे प्रदेश में कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत व्यापक तैयारी की गई है। उधर, बागपत से मिली खबर के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन ने कृषि कानूनों को वापस लेने और किसानों पर हुए लाठी चार्ज के विरोध में शुक्रवार को बागपत जिले में निवाड़ा पुल पर शुक्रवार को सोनीपत हाइवे को जाम किया। पंजाब और हरियाणा के किसानों पर किये गये लाठी चार्ज पर आक्रोश जताते हुए भाकियू ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाम का ऐलान किया था। वहीं, भाकियू के जाम को देखते हुए पुलिस ने मार्ग परिवर्तित किया। बागपत के पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि बागपत जिले में निवाड़ा पुल हरियाणा और उत्तर प्रदेश का बार्डर है। यहां किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए मजिस्ट्रेट मौजूद हैं व भारी संख्या में पुलिस बल लगाया गया है। इसके साथ ही स्थानीय किसान नेताओं से पुलिस सम्पर्क बनाए हुए है।Moradabad: Farmers block Delhi-Lucknow highway in support of 'Chalo Delhi' protest march
"We are protesting against the new farm laws. We will keep blocking the road until the govt pays heed to our needs," says a protestor pic.twitter.com/WUTuedXLEL— ANI UP (@ANINewsUP) November 27, 2020
इसे भी पढ़ें: बुराडी के विधायक ने की पुलिस से मुलाकात, किसानों को परेशानियां न होने देने का आग्रह किया
बुंदेलखंड के जालौन, ललितपुर, झांसी से मिली खबरों के अनुसार वहां भी किसानों ने प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध करते हुए जालौन जिले के किसानों ने शुक्रवार दोपहर झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग में जाम लगा दिया। हालांकि, कुछ देर बाद जाम खुल भी गया है। जालौन जिले के पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने बताया कि कृषि कानून के विरोध में शुक्रवार दोपहर करीब 50-60 किसानों ने झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग में जाम लगाकर यातायात बाधित करने की कोशिश की थी, जिसे अधिकारियों ने समझा-बुझाकर खुलवा दिया। बांदा से मिली खबर के मुताबिक बुंदेलखंड़ किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ और आंदोलनरत हरियाणा के किसानों के समर्थन में बुंदेलखंड़ के किसान शनिवार को सड़क पर उतरेंगे और बांदा से लेकर झांसी तक झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग में जाम लगाएंगे। शर्मा ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए शुक्रवार को पीटीआई- से कहा कि हरियाणा का किसान शांति पूर्ण तरीके से अपनी बात रखने दिल्ली कूच कर रहा है, उनका संगठन बुंदेलखंड़ किसान यूनियन शनिवार को बुंदेलखंड़ के चित्रकूट जिले से लेकर बांदा, महोबा, हमीरपुर, उरई-जालौन, झांसी और ललितपुर जिले की अंतिम सीमा तक झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी जिला इकाइयों को आज निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
इसे भी पढ़ें: भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा के लोगों से दिल्ली जा रहे किसानों की हर संभव मदद करने की अपील की
झांसी से मिली खबर के अनुसार आजमऊरानीपुर एवं मोठ तहसील क्षेत्र के किसानों ने किसान विरोधी तीनों कानून वापस लिए जाने एवं स्थानीय समस्याओं को लेकर मंडी परिषद एवं प्रमुख चौराहों पर प्रदर्शन किया तथा प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी दिया जिसमें उनकी मांगेन माने जाने पर भविष्य में और भी उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है। झांसी की तहसील मऊरानीपुर मै भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष कमलेश लंबरदार के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों का समूह मंडी परिषद के पास एकत्र हुआ एवं सरकार के किसान विरोधी , तीनों कानून वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। किसानों का आंदोलन करीब 2 घंटे चला। ऐसे ही एक प्रदर्शन के दौरान झांसी जिले की मौठ तहसील क्षेत्र के किसान अपने नेता सुरजीत राजपूत के नेतृत्व में मंडी परिषद के समीप एकत्र हुए एवं उन्होंने धान की कम कीमत मिलने का विरोध करते हुए किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग की है। मोठ क्षेत्र के किसानों का कहना है कि यहां 1509 1819 एवं 1121 नंबर का चावल जो बासमती किस्म का है उसकी पैदावार होती है फिर भी उन्हें कम कीमत दी जा रही है। हंगामे की सूचना मिलते ही गरौठा क्षेत्र विधायक भाजपा नेता जवाहर राजपूत भी मौके पर पहुंचे एवं जिला अधिकारी से वार्ता कर किसानों की समस्याओं का निवारण करने का प्रयास किया। करीब 3 घंटे चले इस प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों ट्रैक्टर सवार किसानों ने अपनी फसल का पर्याप्त मूल दिए जाने की भी मांग की है।
मंत्रियों, सांसदों पर टिप्पणी करना पड़ सकता है भारी, बिहार पुलिस ने जारी किया आदेश तो राजद ने उठाया सवाल
- अनुराग गुप्ता
- जनवरी 22, 2021 12:07
- Like

एडीजी नैयर हसनैन खान का पत्र सामने आने के बाद सियासी गलियों में भी हलचल शुरू हो गई। विपक्षी पार्टी राजद ने नीतीश कुमार पर ही हमला बोल दिया। ट्विटर पर लिखा कि सुशासन बाबु को मुखौटा उतरने का इतना खौफ है की अब लिखने की आजादी पर भी बंदिशें लगा दी गईं।
पटना। अगर आप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए यह खबर महत्वपूर्ण है। क्योंकि सोशल मीडिया पर अब आपत्तिजनक टिप्पणी करना और अनाप-शनाप लिखना आपको भारी पड़ सकता है। दरअसल, बिहार पुलिस ने आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने सभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने दोषियों पर उचित कार्रवाई करने की बात कही है।
इसे भी पढ़ें: बिहार सरकार का नया फैसला, अब ठेकेदारों को देना होगा कैरेक्टर सर्टिफिकेट
बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सरकार के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों या फिर किसी सरकारी अफसर के खिलाफ कोई भी आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। पत्र में बताया गया है कि इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जो साइबर अपराध की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में टिप्पणी करने वाले व्यक्ति या फिर समूह के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर जारी भ्रामक खबरों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस अफसरों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इसे भी पढ़ें: बिहार में नीतीश कैबिनेट का क्यों नहीं हो पा रहा विस्तार? यहां जानें कारण
राजद ने नीतीश कुमार को घेरा
एडीजी नैयर हसनैन खान का पत्र सामने आने के बाद सियासी गलियों में भी हलचल शुरू हो गई। विपक्षी पार्टी राजद ने नीतीश कुमार पर ही हमला बोल दिया। ट्विटर पर लिखा कि सुशासन बाबु को मुखौटा उतरने का इतना खौफ है की अब लिखने की आजादी पर भी बंदिशें लगा दी गईं। आवाम द्वारा नकारी गयी हुक़ूमतें ऐसी ही जुल्माना तरीके से पेश आती हैं।
सुशासन बाबु को मुखौटा उतरने का इतना ख़ौफ़ है की अब लिखने की आज़ादी पर भी बंदिशें लगा दी गयीं।
— RJD Siwan (@Siwan_Rjd) January 22, 2021
आवाम द्वारा नकारी गयी हुक़ूमतें ऐसी ही ज़ुल्माना तरीक़े से पेश आती हैं।
नोएडा में बम की खबर मिलने से मचा हड़कंप, मौके पर पहुंची पुलिस
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 22, 2021 12:02
- Like

नोएडा में बम जैसी वस्तु की सूचना से अफरा-तफरी मच गई। नोएडा पुलिस को सूचना दी कि छिजारसी गांव के पास उसने बम जैसी कोई वस्तु देखी है। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर बम निरोधक दस्ते को, डॉग स्क्वाड तथा पुलिस के आला अधिकारियों को भेजा गया।
नोएडा। थाना फेस-3 क्षेत्र के छिजारसी गांव के पास बृहस्पतिवार सुबह राहगीरों को बम जैसी दिखने वाली कोई वस्तु नजर आई, लेकिन बम निरोधक दस्ते ने जांच के बाद पुष्टि की कि यह कोई विस्फोटक वस्तु नहीं है। पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने बताया कि एक ऑटो चालक ने आज सुबह नोएडा पुलिस को सूचना दी कि छिजारसी गांव के पास उसने बम जैसी कोई वस्तु देखी है। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर बम निरोधक दस्ते को, डॉग स्क्वाड तथा पुलिस के आला अधिकारियों को भेजा गया।
इसे भी पढ़ें: सोनिया गांधी ने अर्नब गोस्वामी मामले पर कहा- राष्ट्रवाद का प्रमाण पत्र बांटने वाले पूरी तरह बेनकाब हो गए
सिंह ने बताया कि बम निरोधक दस्ते ने जांच की तो पता चला कि बम जैसे दिखने वाली वस्तु कोई विस्फोटक नहीं है। उक्त वस्तु को मौके से हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि बम जैसी वस्तु होने की सूचना मिलने से औद्योगिक क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गयी। पुलिस को काफी देर तक यातायात का मार्ग भी बदलना पड़ा। सिंह ने कहा कि गणतंत्र दिवस से पहले सुरक्षा को लेकर पुलिस काफी सतर्क है तथा लोगों से अपील की जा रही है कि कोई भी संदिग्ध वस्तु दिखाई दे तो वह तुरंत पुलिस को सूचना दें। मालूम हो कि बुधवार को नोएडा के सेक्टर 27 स्थित कैलाश अस्पताल में बम होने की सूचना पुलिस को मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने करीब तीन घंटे तक अस्पताल में छानबीन की। बाद में पता चला कि यह सूचना फर्जी थी।
सोनिया गांधी ने अर्नब गोस्वामी मामले पर कहा- राष्ट्रवाद का प्रमाण पत्र बांटने वाले पूरी तरह बेनकाब हो गए
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 22, 2021 11:58
- Like

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की कथित व्हाट्सएप बातचीत का हवाला देते हुए शुक्रवार को कहा कि दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।
नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की कथित व्हाट्सएप बातचीत का हवाला देते हुए शुक्रवार को कहा कि दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सरकार ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है।
इसे भी पढ़ें: कांग्रेस कार्य समिति की बैठक आरंभ, नए अध्यक्ष को लेकर स्थिति स्पष्ट होने की संभावना
सोनिया ने कहा, ‘‘एक सप्ताह में संसद सत्र आरंभ होने जा रहा है। यह बजट सत्र है, लेकिन जनहित के कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पूरी तरह चर्चा किए जाने की जरूरत है। क्या सरकार इस पर सहमत होती है, यह देखने होगा।’’ केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ किसानों का आंदोलन जारी है और सरकार ने बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है।’’
इसे भी पढ़ें: कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के लिए दो और कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए गये
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि कानून जल्दबाजी में बनाए गए और संसद को इनके प्रभावों का आकलन करने का अवसर नहीं दिया गया। हम इन कानूनों को खारिज करते हैं क्योंकि ये खाद्य सुरक्षा की बुनियादों को ध्वस्त कर देंगे।’’ व्हाट्सएप बातचीत प्रकरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में हमने बहुत ही परेशान करने वाली खबरें देखीं कि किस तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया है.... जो लोग दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटते हैं वो अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।’’ उन्होंने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार निजीकरण को लेकर हड़बड़ी में है।

