Yes Milord! बीबीसी डॉक्यूमेंट्री रोक पर केंद्र को नोटिस, रिहाई में देरी पर गाइडलाइंस, जानें इस हफ्ते कोर्ट में क्या कुछ हुआ

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अभिनय आकाश । Feb 3 2023 6:10PM

सरकार ने कोर्ट को बताया कि पीएम केयर्स फंड आरटीआई के दायरे में नहीं आता। ऐसे में आज आपको सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक इस सप्ताह यानी 30 जनवरी से 03 फरवरी 2023 तक क्या कुछ हुआ।

सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी अहम रहा। जहां एक तरफ बीबीसी डॉक्यूमेंट्री रोक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। वहीं रेप केस में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जमानत मिलने के बाद भी रिहाई में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइंस जारी की है। सरकार ने कोर्ट को बताया कि पीएम केयर्स फंड आरटीआई के दायरे में नहीं आता। ऐसे में आज आपको सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक इस सप्ताह यानी 30 जनवरी से 03 फरवरी 2023 तक क्या कुछ हुआ। कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे। 

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बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर रोक को लेकर केंद्र को नोटिस

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी के वृत्तचित्र को प्रतिबंधित करने के उसके आदेश से जुड़े मूल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने वरिष्ठ पत्रकार एन राम, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा, कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता प्रशांत भूषण और अधिवक्ता एम एल शर्मा की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया। शर्मा ने एक अलग याचिका दाखिल की थी, जिसे अब वृत्तचित्र पर प्रतिबंध से संबंधित सरकारी आदेश के खिलाफ दायर अन्य याचिकाओं के साथ संबद्ध कर दिया गया है। मामले में अगली सुनवाई अप्रैल में होगी। पीठ ने कहा, “हम नोटिस जारी कर रहे हैं। जवाबी हलफनामा तीन हफ्ते के भीतर दाखिल किया जाना चाहिए। 

रिहाई में देरी पर गाइडलाइंस जारी 

जमानत के बाद भी रिहाई में होने वाली देरी को टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइंस जारी की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर जमानत दिए जाने के एक महीने के भीतर आरोपी वेल वॉन्ड नहीं भर पाता है तो संबंधित ट्रायल कोर्ट वेल कंडिशन पर दोवारा विचार करे। वह इस बात पर विचार करे कि जमानत की शर्त में छूट दी जा सकती है क्या? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नालसा रिपोर्ट भी तैयार कर रही है जिसके तहत यह पता चलेगा कि कितने आरोपी हैं जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और वेल वॉन्ड भरने की स्थिति में नहीं हैं। 

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प्राइवेसी पॉलिसी पर पब्लिक करे हलफनामा

सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप को निर्देश दिया है कि केंद्र सरकार को उसने 2021 में जो हलफनामा दिया था उसे सार्वजनिक करे। हलफनामे में व्हाट्सएप ने कहा था कि उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी पर सहमति नहीं जताने वाले यूजर्स के लिए उसके इस्तेमाल की सीमा तय नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप से कहा कि वह मीडिया में इस वात का व्यापक प्रचार करें कि यूजर्स उसकी 2021 की निजता नीति को मानने के लिए अभी वाध्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार बजट सेशन में डेटा प्रोटेक्शन कानून लाने जा रही है, ऐसे में याचिका पर अभी सुनवाई नहीं करेंगे। 10 अप्रैल को सुनवाई की जाएगी।

आसाराम को रेप केस में उम्रकैद

 गांधीनगर की कोर्ट ने आसाराम को महिला शिष्य से रेप के मामले में उम्रकैद दी है। एफआईआर के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच सूरत की महिला से कई बार रेप किया, जब वह शहर के बाहरी इलाके मोटेरा में स्थित उनके आश्रम में रहती थीं। कोर्ट ने इस मामले में आसाराम को दोषी ठहराया था। आसाराम अभी जोधपुर जेल में हैं। 81 वर्षीय आसाराम एक नाबालिग लड़की से रेप के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

पीएम केयर्स फंड आरटीआई के दायरे में नहीं

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि पीएम केयर फंड भारत के संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत "राज्य" नहीं है और सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत "सार्वजनिक प्राधिकरण" के रूप में गठित नहीं है। पीएमओ के अवर सचिव द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड को एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया गया है और यह भारत के संविधान या संसद या किसी राज्य विधानमंडल द्वारा या उसके तहत नहीं बनाया गया है। यह किसी भी सरकार से वित्त पोषित नहीं है औऱ ट्रस्टी के तौर पर निजी व्यक्ति ही इसका संचालन करते हैं। हलफनामे में कहा गया है कि ट्रस्ट के कामकाज में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार या किसी भी राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।

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