जानिए कौन हैं Israna से विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के उम्मीदवार Krishna Lal Panwar

Krishna Lal Panwar
X - @KrishanLPanwar
Anoop Prajapati । Sep 13 2024 5:10PM

विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार को इसराना सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी उम्मीदवार पंवार का राजनैतिक सफर सुनहरा रहा है। वे पानीपत थर्मल पावर प्लांट में बतौर ब्वायलर ग्रेड-वन आपरेटर भी काम कर चुके हैं।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार को इसराना सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी उम्मीदवार पंवार का राजनैतिक सफर सुनहरा रहा है। वे पानीपत थर्मल पावर प्लांट में ब्वायलर ग्रेड-वन आपरेटर रहे हैं। जब उनकी राजनैतिक महत्वाकांक्षायें बढ़ गईं तो 1991 में नौकरी से इस्तीफा देकर लोकदल पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने असंध हलका की आरक्षित सीट से विधानसभा का चुनाव जीता था। इसके बाद वे लगातार दो बार और यहीं से विधायक चुने गए।

कांग्रेस की प्रत्याशी राजरानी पूनम से वर्ष 2005 में उन्हें पहली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद पंवार लगातार 15 साल तक इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के जिला अध्यक्ष रहे। हाउङ्क्षसग बोर्ड के चेयरमैन 2000 में रहे। प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र की सबसे पहले हाउसिंग बोर्ड की कालोनी अपने गांव मतलौडा में बनवाई। परिसीमन के तहत 2009 में इसराना विधानसभा एससी आरक्षित कर दी गई। तब यहां से उन्हें इनेलो को टिकट से जीत हासिल हुई। लेकिन इसके बाद कार्यकर्ताओं ने काम न करने के आरोप लगाए तो पार्टी ने उनसे किनारा करना शुरू कर दिया। 

साल 2014 में इनेलो ने पंवार की टिकट काट दी थी। राजनीति का अच्छा जानकार होने के कारण पंवार ने पहले ही मौसम को भांप लिया। उधर, भाजपा के पास इसराना से सशक्त उम्मीदवार नहीं था। भाजपा ने पंवार को टिकट दे दिया और वह जीत गए। वह यातायात, जेल और आवास मंत्री रहे। 2019 में पंवार कांग्रेस के प्रत्याशी बलबीर वाल्मीकि से चुनाव हार गए। आरोप लगे कि उन्होंने लोगों के काम नहीं कराए। भाजपा ने उन्हें एससी मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। उधर, कांग्रेस ने दलित नेता उदय भान प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। भाजपा में लगातार सक्रिय और परिवहन मंत्री बनते ही प्रदेश के बड़े चेहरों में शामिल रहे। 

इसराना विधानसभा से 2009 में इनेलो के टिकट पर 43905 वोट लेकर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 2180 और 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव में 40277 वोट लेकर 1828 वोटों से जीत दर्ज की। 2019 का भाजपा के टिकट पर 20,015 वोट से हार का सामना करना पड़ा। 12 साल की नौकरी के बाद 1991 में पानीपत थर्मल पावर प्लांट में नौकरी से इस्तीफा दिया। ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व में 1991 का चुनाव असंध से लड़ा और पहली बार विधायक बनें। 1996 और 2000 में असंध से विधायक बनें। 2000 में उनको हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन बनाया।2005 में चुनाव हार गए। 2009 में इसराना विधानसभा से इनेलो के टिकट पर जीत दर्ज की।

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