फर्जी वैक्सीनेशन पर राजनीति शुरू, कोलकाता और मुंबई पुलिस ने गठित की SIT, लोगों को दिया गया सेलाइन वॉटर
प्राप्त जानकारी के मुताबिक एक फर्जी आईएएस अधिकारी वैक्सीनेशन अभियान चला रहा था। जिसकी जांच के लिए पुलिस ने एसआईटी का गठन किया है।
नयी दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ वैक्सीनेशन ही अहम हथियार है लेकिन इन दिनों फर्जी वैक्सीनेशन से जुड़ी खबरें सामने आ रही हैं। इसी बीच कोलकाता पुलिस ने ऐसे मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
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फर्जी IAS अधिकारी करा रहा था वैक्सीनेशन
प्राप्त जानकारी के मुताबिक एक फर्जी आईएएस अधिकारी वैक्सीनेशन अभियान चला रहा था। जिसकी जांच के लिए पुलिस ने एसआईटी का गठन किया है। इतना ही नहीं पुलिस ने 28 वर्षीय देबंजन देब को गिरफ्तार कर लिया गया है। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने मामले की जांच के लिए खुफिया विभाग के अधिकारियों के साथ एसआईटी का गठन किया है। ऐसा लगता है कि आरोपी ने कई लोगों को यह बताकर ठगा है कि वह कई विकास परियोजनाओं का प्रभारी है।
मिमी चक्रवर्ती भी हुईं ठगी का शिकार
अभिनेत्री और तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती भी ठगी का शिकार हो चुकी हैं। उन्होंने देब द्वारा स्थापित शिविरों में से एक में कोरोना वैक्सीन लगवाया था। उन्हें उस वक्त शक हुआ था जब उनके मोबाइल पर कोई एसएमएस नहीं आया था। जो वैक्सीनेशन के बाद प्राप्त होता है।
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TMC नेताओं के साथ नजर आया देब !
आरोपी देब की तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और मंत्रियों के साथ कई तस्वीरें सामने आई हैं। जिसके बाद भाजपा हमलावर हो गई। इतना ही नहीं भाजपा ने तो इसे केंद्र के खिलाफ साजिश करार देते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल सरकार केंद्र को बदनाम करने के लिए विवादित पहचान वाले लोगों को शिविर आयोजित करने में मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर वैक्सीन लगाए गए लोगों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तो तृणमूल नकली वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र को दोषी ठहराएगी।
इस मामले को लेकर शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखा है। जिसे भाजपा आईटी के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर साझा किया है। उन्होंने लिखा कि पश्चिम बंगाल में वैक्सीनेशन अभियान किसी तमाशे से कम नहीं है। वैक्सीन के लिए कूपन बिक्री, सरकारी अस्पतालों से शीशियों की चोरी और अब धोखेबाज लोग टीएमसी के संरक्षण में फर्जी वैक्सीनेशन शिविर आयोजित कर रहे हैं। जहां पर न तो रजिस्ट्रेशन और न ही सर्टिफिकेट हैं।
In West Bengal, vaccination drive is nothing short of a farce. After coupon sale for vaccines, theft of vials from government facilities, now fraudsters, patronised by influential members of the ruling TMC, are holding illegal vaccination camps. No registration, no certificates… pic.twitter.com/4XDumLO5Ae
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 26, 2021
TMC ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
तृणमूल के वरिष्ठ नेता तापस रे ने बताया कि सिर्फ एक तस्वीर किसी को दोषी साबित करती है तो भाजपा के कई नेताओं को कई घोटालेबाजों के साथ फोटो खिंचवाने के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
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मुंबई में भी हो रहा फर्जी वैक्सीनेशन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई में भी फर्जी वैक्सीनेशन शिविरों को लेकर पुलिस ने एसआईटी का गठन किया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि लोगों को वैक्सीन के नाम पर 'सेलाइन वॉटर' का इंजेक्शन दिया गया है। यहां पर तो फर्जी वैक्सीनेशन करने वाले गिरोह ने लाखों रुपए की ठगी की है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 25 मई से 6 जून के बीच में ऐसे 9 शिविरों का आयोजन किया गया था। जिसके खिलाफ 7 मामले दर्ज किए गए हैं।
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