कोलकाता पुलिस प्रमुख, पूर्व सांसद पूछताछ के लिए सीबीआई के समक्ष हुए पेश

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[email protected] । Feb 11 2019 2:55PM

चिटफंड मामलों में तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद कुणाल घोष सुबह करीब 10 बजे सीबीआई कार्यालय पहुंचे जबकि कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार उनके एक घंटे बाद पहुंचे।

शिलांग। कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद कुणाल घोष चिटफंड मामलों में पूछताछ के लिए सोमवार को सीबीआई के समक्ष पेश हुए। कुमार आज तीसरे दिन और घोष दूसरे दिन सीबीआई के समक्ष पेश हुए। इस संबंध में एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि घोष सुबह करीब 10 बजे सीबीआई कार्यालय पहुंचे जबकि कुमार उनके एक घंटे बाद पहुंचे। उन्होंने बताया कि रविवार को जांच एजेंसी ने कुमार से अकेले और फिर घोष के साथ पूछताछ की थी। यह पूछताछ आठ घंटे से अधिक समय तक चली थी।

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तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद को 2013 में शारदा पौंजी घोटाले में गिरफ्तार किया गया था और 2016 से वह जमानत पर हैं। उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार सीबीआई दोनों से पूछताछ कर रही है। सीबीआई के तीन अधिकारियों ने कुमार से शनिवार को शारदा मामले में जरूरी सबूतों से छेड़छाड़ करने में उनकी कथित भूमिका को लेकर करीब नौ घंटे तक पूछताछ की थी। उसने रविवार को रोज वैली मामले में भी पूछताछ की गई। शारदा घोटाले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कुमार ने किया था। बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।

दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि कुमार की पूछताछ सत्र की वीडियो बनाने की मांग को स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने बताया कि ऐसा सिर्फ हिरासत में पूछताछ के दौरान किया जाता है। घोष ने इससे पहले भाजपा नेता मुकुल रॉय और 12 अन्य लोगों पर शारदा घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। मुकुल रॉय एक समय पर बनर्जी के दाहिना हाथ हुआ करते थे। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए। उच्चतम न्यायालय ने कुमार को सीबीआई के समक्ष पेश होने और मामलों की जांच में ‘‘ईमानदारी’’ से सहयोग करने का मंगलवार को निर्देश दिया था।

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अदालत ने ही पूछताछ के लिए शिलोंग का चयन किया था ताकि सभी अनावश्यक विवाद से बचा जाए। साथ ही कुमार को गिरफ्तार ना किए जाने का आश्वासन भी दिया था। कुमार से कोलकाता स्थित उनके निवास पर अचानक पूछताछ के लिए पहुंचे सीबीआई अधिकारियों को कोलकाता पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद एजेंसी ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। सीबीआई के इस कदम का विरोध करते हुए कोलकाता की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीन दिन तक धरना दिया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर तख्तापलट का आरोप भी लगाया था। 

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