वेंकैया नायडू ने देशवासियों को दी जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर देशवासियों को शुभकामनायें देते हुये गीता में वर्णित श्रीकृष्ण के संदेश को समाज के लिए प्रासंगिक बताया है।
नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर देशवासियों को शुभकामनायें देते हुये गीता में वर्णित श्रीकृष्ण के संदेश को समाज के लिए प्रासंगिक बताया है। नायडू ने सोमवार को अपने बधाई संदेश में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला जन्माष्टमी पर्व का देश में विशेष धार्मिक महत्व है। हर्षोल्लास के साथ मनाये जाने वाले इस पावन पर्व के अवसर पर उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता, में वर्णित दायित्त्वों की पूर्ति के सिद्धांत को समूची मानवता के लिये प्रेरणा का स्रोत बताया।
ट्विटर पर भी नायडू ने श्रीकृष्ण के गुणों का वर्णन करते हुये कहा, ‘कृष्ण विराट पुरुष हैं। वे पूर्ण हैं। कृष्ण चरित ने मानवता के अशांत चित्त को भक्ति से विभोर किया है। कृष्ण शांति दूत भी हैं और गीता के प्रवर्तक भी। कृष्ण प्रेमी भी हैं और विरक्त भी। कृष्ण चरित में विरोधाभासों का अद्भुत संगम हैं।’
उन्होंने कहा ‘श्रीमद्भगवद्गीता में प्रतिपादित त्रय- योग ने भारत में दार्शनिक विमर्श की समृद्ध धारा को जन्म दिया है। कृष्ण चरित आज भी स्थानीय लोक परंपराओं और साहित्य का अपरिहार्य कथानक है। कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।’
भगवत गीता में प्रतिपादित त्रय- योग ने भारत में दार्शनिक विमर्श की समृद्ध धारा को जन्म दिया है। कृष्ण चरित आज भी स्थानीय लोक परंपराओं और साहित्य का अपरिहार्य कथानक है।
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) September 3, 2018
कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।#Janmastami
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