पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में कुर्मी समुदाय का विरोध जारी
पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में कुर्मी समुदाय के सदस्यों द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे के लिए किए जा रहे आंदोलन के लगातार पांचवें दिन शनिवार को विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान, प्रदर्शनकारियों ने रेलवे लाइन और राष्ट्रीय राजमार्ग-6 के एक हिस्से को अवरुद्ध कर दिया।
पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में कुर्मी समुदाय के सदस्यों द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे के लिए किए जा रहे आंदोलन के लगातार पांचवें दिन शनिवार को विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान, प्रदर्शनकारियों ने रेलवे लाइन और राष्ट्रीय राजमार्ग-6 के एक हिस्से को अवरुद्ध कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) के कुछ डिवीजन में ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं क्योंकि आंदोलनकारी रेलवे लाइन पर बैठ गए, जिससे कई ट्रेन रद्द कर दी गई, कुछ की गंतव्य से पहले सेवा समाप्त कर दी गई और अन्य को दूसरे मार्ग से रवाना किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार से लगभग 250 मेल/एक्सप्रेस और यात्री ट्रेन को रद्द किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खेमासुली में राष्ट्रीय राजमार्ग-6 के एक हिस्से को भी अवरुद्ध कर दिया, जिससे सैकड़ों ट्रक और बसें फंस गईं और लंबे समय तक यातायात बाधित रहा। अधिकारियों ने बताया कि मेदिनीपुर, झारग्राम और पुरुलिया के जिला प्रशासन ने कुर्मी समुदाय के नेताओं के साथ बैठक कर उन्हें आंदोलन वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला।
इस बीच, पुरुलिया प्रशासन के सूत्रों ने दावा किया कि बातचीत के बाद जिले में विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया गया, लेकिन समुदाय के लोगों ने पश्चिम मेदिनीपुर और झारग्राम में अपना आंदोलन जारी रखा है। कुर्मी समाज की राज्य कार्यसमिति के सदस्य तापस महतो ने कहा, ‘‘पश्चिम मेदिनीपुर में खेमासुली स्टेशन पर रेल नाकेबंदी अभी भी जारी है और राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर भी प्रदर्शन किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है, हम आंदोलन को वापस ले लेंगे। लेकिन, अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।’’
हालांकि, महतो ने कहा कि झारग्राम के लोधासुली में राज्य राजमार्ग -5 पर सड़क की नाकेबंदी को बाद में हटा लिया गया। कुर्मी समुदाय ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा और कुरमाली को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर मंगलवार सुबह चार बजे पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के विभिन्न रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन शुरू किया।
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