पत्रकारों पर ठप्पा लगाना ‘पसंदीदा हथकंडा’ बन गया है : एडिटर्स गिल्ड
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि उसका मानना है कि पत्रकारों को स्वस्थ और सभ्य आलोचना से किसी छूट का दावा नहीं करना चाहिए
नयी दिल्ली। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने गुरुवार को कहा कि उसका मानना है कि पत्रकारों को स्वस्थ और सभ्य आलोचना से किसी छूट का दावा नहीं करना चाहिए लेकिन साथ ही उन पर किसी तरह का ठप्पा लगाना उनकी गरिमा कम करने और उन्हें धमकाने के ‘पसंदीदा हथकंडे’ के तौर पर सामने आया है। गिल्ड ने एक बयान में कहा, ‘हमने देखा कि हमारे नेता इसका कुछ समय से इस्तेमाल कर रहे हैं। हाल फिलहाल में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ आप के नेताओं ने पत्रकारों के लिए प्रेस्टीच्यूट , खबरों के कारोबारी, बाजारू और दलाल जैसे अपमानजनक शब्दों का स्पष्ट तौर पर इस्तेमाल किया।’
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The Editors Guild of India has issued a statement. pic.twitter.com/XJ8OAylXxx
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) January 3, 2019
उसने इस सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साक्षात्कार लेने वाले पत्रकार की आलोचना के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों पर भी चिंता जताई। गिल्ड की कार्यकारी समिति के सदस्यों के बीच व्यापक बहस के बाद यह बयान जारी किया गया। कुछ सदस्यों ने ऐसे बयान जारी करने का विरोध करते हुए कहा कि गांधी की टिप्पणी अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला या खतरे की तरह नहीं है।
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