लाहौल के पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पादों और व्यंजनों को करवाया जाएगा देश- विदेश के पर्यटकों से रुबरु-उपायुक्त

Lahaul's traditional

पारंपरिक कला-शिल्प और खानपान समृद्ध विविधताओं से परिपूर्ण है। यहां के लोगों विशेषकर महिला वर्ग ने इन्हें आज तक संजो कर रखा है जिसके लिए वे बधाई की पात्र हैं। उपायुक्त ने कहा कि सर्दी की विकट परिस्थितियों के चलते लाहौल में पूरा साल पर्यटकों की आमद नहीं रह पाती है और यहां के स्थानीय लोग भी कुछ समय कुल्लू प्रवास पर जाते हैं।

केलांग  राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लाहौल के पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पादों और व्यंजनों को देश- विदेश के पर्यटकों से रुबरु करवाया जाएगा ताकि न केवल ये विशिष्ट कला व खानपान की विरासत संरक्षित रहे बल्कि क्षेत्र के स्वंय सहायता समूहों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की दिशा में भी आगे बढ़ा जा सके।

 

लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने आज राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संयुक्त तत्वावधान में महिलाओं के स्वंय सहायता समूहों के लिए केलांग में स्थापित प्रदर्शनी एवं बिक्री केंद्र का शुभारंभ करने के बाद अपने संबोधन के दौरान कही। 

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पारंपरिक कला-शिल्प और खानपान समृद्ध विविधताओं से परिपूर्ण है। यहां के लोगों विशेषकर महिला वर्ग ने इन्हें आज तक संजो कर रखा है जिसके लिए वे बधाई की पात्र हैं।  उपायुक्त ने कहा कि सर्दी की विकट परिस्थितियों के चलते लाहौल में पूरा साल पर्यटकों की आमद नहीं रह पाती है और यहां के स्थानीय लोग भी कुछ समय कुल्लू प्रवास पर जाते हैं। ऐसे में लाहौल के बाहर भी इस तरह के आउटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि लाहौल के पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पादों और व्यंजनों को  देश- विदेश के पर्यटकों से रुबरु करवाया जाएगा।

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इसके लिए जहां हिमाचल भवन दिल्ली और चंडीगढ़ में प्रदर्शनी एवं बिक्री इवेंट आयोजित करने की योजना पर काम चल रहा है वहीं मनाली व कुल्लू के पर्यटन निगम और कुछ चुनिंदा निजी होटलों में भी इन उत्पादों के बिक्री आउटलेट्स 

शुरु किए जाएंगे। मनाली स्थित लाहौल- स्पीति भवन में भी स्वंय सहायता समूहों के ये उत्पाद बिक्री के लिए रखे जा रहे हैं। उपायुक्त ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि लाहौली जुराबों को जीआई टैगिंग (भौगोलिक संकेतक) प्राप्त हो चुकी है। लाहौल के अन्य उत्पादों को भी जीआई टैग दिलवाने के प्रयास होंगे। उन्होंने कहा कि लाहौल- स्पीति की पारंपरिक स्वागत रस्म की जीआई टैगिंग को लेकर भी प्रक्रिया शुरु होनी चाहिए।

 

उपायुक्त ने कहा कि मौजूदा दौर ई कॉमर्स का भी है। अब अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म लाहौल के उत्पादों को उपभोगताओं तक पहुंचाने में उपयोग किए जाने चाहिए।  उपायुक्त ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कुल्लू व लाहौल- स्पीति के परियोजना निदेशक एवं  जिला मिशन प्रबंधक नियोन धैर्य शर्मा द्वारा स्वंय सहायता समूहों के स्वावलंबन और सशक्तीकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वे कुछ अन्य उत्पादों की जीआई टैगिंग करवाने को लेकर भी जरूरी कदम उठाएं। इससे पूर्व उपायुक्त ने स्थानीय स्वंय सहायता समूह द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया। इस मौके पर एसडीएम केलांग प्रिया नागटा, परियोजना अधिकारी समन्वित जनजातीय विकास परियोजना मनोज कुमार के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

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