बिहार में विवाद के बाद कार्तिक कुमार से कानून मंत्रालय लिया गया वापस, अब दिया गया ये विभाग

Kartik Kumar
ANI
अंकित सिंह । Aug 31 2022 3:58PM

कार्तिक कुमार को अब गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया है। वहीं, गन्ना उद्योग मंत्री शमीम अहमद को कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आपको बता दें कि कार्तिक कुमार राजद कोटे से मंत्री हैं।

पटना। जबसे नीतीश कुमार ने एनडीए का से नाता तोड़कर महागठबंधन से मिलकर सरकार बनाई है, तब से भाजपा जबरदस्त तरीके से उन पर आरोप लगा रही है। इसी कड़ी में बिहार सरकार में कानून मंत्री बनाए गए कार्तिक कुमार पर भी भाजपा ने निशाना साधा था। दरअसल, कार्तिक कुमार के खिलाफ 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं। तीन गंभीर धाराओं समेत 23 धाराओं में भी केस दर्ज है। भाजपा का कहना था कि जिस इंसान के ऊपर कितने केस हो, उसे कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी देकर नीतीश कुमार ने बिहार में एक बार फिर से जंगलराज की शुरुआत कर दी है। यही कारण रहा कि अब कानून मंत्री का विभाग बदल दिया गया है। कार्तिक कुमार को अब गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया है। वहीं, गन्ना उद्योग मंत्री शमीम अहमद को कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आपको बता दें कि कार्तिक कुमार राजद कोटे से मंत्री हैं।

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कार्तिक कुमार बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं। उन्हें अनंत सिंह का काफी करीबी माना जाता है। समर्थकों के बीच कार्तिकेय मास्टर के नाम से मशहूर है। अनंत सिंह भी इन्हें मास्टर साहब ही कह कर बुलाते हैं। आपको बता दें कि कार्तिक सिंह के कानून मंत्री बनने के साथ ही उनके खिलाफ वारंट भी जारी हो गया था। जिसके बाद से भाजपा जबरदस्त तरीके से नीतीश सरकार पर हमलावर हो गई थी। वहीं राजद की ओर से दावा किया गया था कि अपराध भ्रष्टाचार के खिलाफ हर गठबंधन की सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। कार्तिक ने 16 अगस्त को नीतीश कुमारके नेतृत्व वाली नवगठित महागठबंधन सरकार में अपनी पार्टी के कोटे से मंत्री के रूप में शपथ ली थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2014 के अपहरण के एक मामले में कार्तिक के नामजद होने के बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर सवाल खडा करते हुए उन्हें मंत्री पद से हटाए जाने की मांग की थी। भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने राज्य में इन मंत्रियों के विभागों में फेरबदल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘आज कार्तिकेय सिंह का विभाग बदल दिया गया। यह नीतीश की नई जीरो टॉलरेंस नीति है कि फंसाते भी हम है, बचाते भी हम है। हम ही लालू (राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष), तेजस्वी, अनंत सिंह, आनंद मोहन को फंसाएंगे और जब हमारे शरण में आ जाइएगा तो हम ही बचाएंगे।’’ उन्होंने नीतीश पर ‘‘रबर स्टाम्प मुख्यमंत्री’’ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अब लालू के परिवार के ‘‘आदेशपालक’’ की भूमिका में हैं। 

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कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘बिहार में कैबिनेट फेरबदल से समस्या क्यों है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी जैसे केंद्रीय मंत्रियों के विभागों को बदल दिया तो किसी को कोई समस्या नहीं थी।’’ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के कार्तिक पर आरोप लगाया था कि अपहरण के एक मामले में समन जारी होने के बावजूद पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था और उन्होंने उसी दिन शपथ ली थी जिस दिन उन्हें एक अदालत में पेश होना था। कार्तिक पर लगाए गए आरोपों के बारे में 17 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 18 अगस्त को कहा था, ‘‘वारंट के बाद अदालत ने गिरफ्तारी के खिलाफ अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है। उनको अभी तक अदालत ने दोषी नहीं ठहराया है। हम अदालत के निर्देशों का पालन करेंगे। कार्तिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लंबित होने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने सुशील के बारे में कहा था, ‘‘ यह सब गलत है।’’ 

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