सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए 25 पार्टियों के नेता, संसद के बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने पर बनी सहमति

prahlad joshi
अंकित सिंह । Jan 31 2022 6:52PM

प्रल्हाद जोशी ने काह कि सभी नेताओं ने कहा है कि हम चर्चा में शामिल होना चाहते हैं। ये सदन सुचारु रूप से चलेगा, ऐसी मैं उम्मीद करता हूं। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार की ओर से कहा कि बजट सत्र के पहले भाग में केवल राष्ट्रपति का अभिभाषण और बजट पेश किया जाता है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ ही संसद का बजट सत्र शुरू हो गया। आज संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में 25 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि लगभग 25 पार्टियों ने सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लिया। सभी ने अपने सुझाव रखे, सरकार की तरफ से उनको आश्वस्त किया है कि बज़ट सत्र के पहले आधे हिस्से में राष्ट्रपति के अभिभाषण और बज़ट से संबंधित सभी मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। उन्होंने काह कि अगर सदन सुचारु रूप से चलाने में सहयोग किया जाता है तो सत्र के दूसरे हिस्से में बाकी सभी मुद्दों पर भी हम चर्चा के लिए तैयार हैं।

प्रल्हाद जोशी ने काह कि सभी नेताओं ने कहा है कि हम चर्चा में शामिल होना चाहते हैं। ये सदन सुचारु रूप से चलेगा, ऐसी मैं उम्मीद करता हूं। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार की ओर से कहा कि बजट सत्र के पहले भाग में केवल राष्ट्रपति का अभिभाषण और बजट पेश किया जाता है। उन्होंने कहा कि सत्र के दूसरे भाग में अन्य मुद्दों को उठाया जा सकता है। हमने कहा है कि यदि पार्टियां संसद के सुचारू संचालन में सहयोग करती हैं, तो सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। हमें उम्मीद है कि यह सत्र सुचारू रूप से चलेगा। 

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भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष (2022-23) में 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश 2021-22 की आर्थिक समीक्षा में यह अनुमान लगाया गया है। समीक्षा के मुताबिक, 2022-23 का वृद्धि अनुमान इस धारणा पर आधारित हैं कि आगे कोई महामारी संबंधी आर्थिक व्यवधान नहीं आएगा, मानसून सामान्य रहेगा, कच्चे तेल की कीमतें 70-75 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेंगी और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के व्यवधान इस दौरान लगातार कम होंगे। समीक्षा में कहा गया कि तेजी से हुए टीकाकरण, आपूर्ति-पक्ष के सुधारों तथा नियमनों को आसान बनाने के साथ ही अर्थव्यवस्था भविष्य की चुनौतियों से निपटने को अच्छी तरह तैयार है। 

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