'शिवाजी पुराने आदर्श, अंबेडकर और गडकरी नए', महाराष्ट्र के राज्यपाल के बयान पर मच सकता है सियासी बवाल

bhagat singh koshyari
ANI
अंकित सिंह । Nov 19 2022 5:20PM

अपने बयान में भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि जब हम स्कूल में थे तो हमसे पूछा जाता था कि आपका रोल मॉडल कौन है। हम वही कहते थे जो हमें उस समय अच्छा लगता था। उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग सुभाष चंद्र बोस का नाम लेते थे, कुछ लोग नेहरू को, कुछ लोग गांधीजी को पसंद करते थे।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी एक बार फिर से मुश्किलों में पड़ सकते हैं। दरअसल वह बयानों की वजह से पिछले दिनों से सुर्खियों में ही आ गए थे। आज एक बार फिर से उन्होंने कुछ ऐसा बयान दिया है जिसकी वजह से उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज अब पुराने हो गए हैं। उनकी जगह नितिन गडकरी, भीमराव अंबेडकर और शरद पवार जैसे लोगों को महाराष्ट्र का नया हीरो मान लेना चाहिए। अब इसी को लेकर महाराष्ट्र में सियासी बवाल मच सकता है। दरअसल, मराठवाड़ा विश्वविद्यालय से नितिन गडकरी और शरद पवार को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल अपना संबोधन दे रहे थे। 

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अपने बयान में भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि जब हम स्कूल में थे तो हमसे पूछा जाता था कि आपका रोल मॉडल कौन है। हम वही कहते थे जो हमें उस समय अच्छा लगता था। उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग सुभाष चंद्र बोस का नाम लेते थे, कुछ लोग नेहरू को, कुछ लोग गांधीजी को पसंद करते थे। इसके साथ ही अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज अगर आपको आदर्श तलाशने है तो बाहर जाने की कोई जरूरत नहीं है। आप महाराष्ट्र में ही अपना आदर्श तलाश सकते हैं। अगर आपसे कोई पूछता है कि आपके नायक कौन है तो मुझे लगता है कि आप इसे यहां प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि शिवाजी पुराने समय के आदर्श हैं। मैं नए युग की बात कर रहा हूं। डॉक्टर अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक अब आपको नए मिल जाएंगे।

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माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के विपक्षी दल राज्यपाल के इस बयान को लेकर उन पर हमलावर हो सकते हैं। उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने तो यह कह दिया है कि उन्हें महाराष्ट्र के राज्यपाल से हटाया जाना चाहिए। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब राज्यपाल ने इस तरह के बयान दिए हैं जिससे कि बवाल बढ़ सकता है। इससे पहले भी उन्होंने महाराष्ट्र और गुजरात को लेकर कुछ बयान दिए थे जिसके बाद बवाल मचा था। उन्होंने कहा था कि मुंबई से गुजराती और राजस्थानी को हटा दिया जाए तो शहर के पास ना तो पैसे बचेंगे और ना ही वित्तीय राजधानी का तमगा। इसके बाद इस बयान पर बवाल मचा था। हालांकि राज्यपाल ने बाद में माफी मांग ली थी। 

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