कोरोना मरीजों के लिए उद्धव ठाकरे ने दुनिया की सबसे बड़ी प्लाज्मा परियोजना की शुरूआत की

Uddhav Thackeray

अधिकारी ने कहा कि इस परियोजना के तहत हमारा इरादा कोरोना वायरस के 500 गंभीर मरीजों का जीवन बचाना है। यह परीक्षण 21 मेडिकल कॉलेजों में किया जाएगा।

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कोविड-19 के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए ‘प्लाज्मा थैरेपी- सह-परीक्षण’ परियोजना की शुरूआत की। राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने इसे दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी पहल बताया। इस पद्धति में ऐसे लोगों के रक्त से प्लाज्मा प्राप्त किया जाता है जो इस संक्रमण से उबर चुके हैं। इसके बाद वह प्लाज्मा इलाज करा रहे रोगियों को दिया जाता है। अधिकारी ने कहा कि इस परियोजना का नाम प्लेटिना रखा गया है। यह दुनिया में इस तरह की सबसे बड़ी परियोजना है। 

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उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत हमारा इरादा कोरोना वायरस के 500 गंभीर मरीजों का जीवन बचाना है। यह परीक्षण 21 मेडिकल कॉलेजों में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी गंभीर रोगियों को 200 मिली प्लाज्मा की दो खुराक मुफ्त दी जाएंगी। अधिकारी ने बताया कि ठाकरे ने इस परियोजना के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से लिए 16.65 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार द्वारा प्रायोजित परीक्षण होगा और इसमें किसी भी कंपनी की निजी या वित्तीय भागीदारी नहीं है। महाराष्ट्र अब नैदानिक परीक्षण शुरू कर रहा है और पात्र दाताओं से प्लाज्मा एकत्र करना शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि 13 केंद्रों में कोविड-19 प्लाज्मा बैंकों का भी उद्घाटन किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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