ममता बनर्जी ने सरकार पर लगाया फोन टेपिंग का आरोप, कहा- CID जांच का दिया जाएगा आदेश

Mamata Banerjee

कूच बिहार में हुई गोलीबारी संबंधी कथित ऑडियो टेप सामने आने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को आरोप लगाया कि उनका फोन टैप किया जा रहा है और वह इस मामले की आपराधिक अन्वेषण विभाग (सीआईडी) से जांच कराए जाने का आदेश देंगी।

गलसी (पश्चिम बंगाल)। कूच बिहार में हुई गोलीबारी संबंधी कथित ऑडियो टेप सामने आने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को आरोप लगाया कि उनका फोन टैप किया जा रहा है और वह इस मामले की आपराधिक अन्वेषण विभाग (सीआईडी) से जांच कराए जाने का आदेश देंगी। बनर्जी ने शनिवार को यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा विकास कार्यक्रमों पर आधारित तृणमूल कांग्रेस की मुहिम का ‘‘मुकाबला नहीं कर’’ सकती, इसलिए वह षड्यंत्र रच रही है।

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तृणमूल प्रमुख ने कहा, ‘‘वे (भाजपा नेता) हमारी रोजाना की बातचीत भी छिप कर सुन रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे फोन पर होने वाली खाना बनाने एवं घर से अन्य कामों से जुड़ी हमारी बातों संबंधी कॉल भी टैप कर रहे है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस मामले में सीआईडी जांच का आदेश दूंगी। मैं जासूसी संबंधी इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल किसी को नहीं छोड़ूंगी। मुझे पता चल चुका है कि इसके पीछे कौन है।’’ बनर्जी ने कहा कि उन्हें सूचित किया गया है, ‘‘इस प्रकार के कृत्यों में केंद्रीय बलों को कुछ एजेंटों के साथ शामिल किया’’ जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा भले ही इसमें कोई भूमिका नहीं होने का दावा करती है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इसके पीछे उसी का हाथ है।’’

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भाजपा ने शुक्रवार को एक कथित ऑडियो क्लिप जारी किया था, जिसमें बनर्जी सीतलकूची से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार से कथित तौर पर यह कहती सुनाई दे रही हैं कि वह 10 अप्रैल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ)की गोलीबारी में मारे गए चार लोगों के शवों के साथ रैलियां करें। तृणमूल कांग्रेस ने ऑडियो क्लिप को ‘‘फर्जी’’ करार दिया और कहा कि इस तरह की कभी कोई बात नहीं हुई। साथ ही आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि क्या केंद्र मुख्यमंत्री का फोन टैप करा रहा है। राज्य विधानसभा के लिए चल चुनाव के बचे तीन चरणों को मिलाकर एक चरण में चुनाव नहीं कराने पर तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग पर हमला किया। बनर्जी ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग केवल भाजपा की मांगों पर ध्यान दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘आपने (निर्वाचन आयोग) प्रचार के समय में कटौती कर दी और कोविड-19 पाबंदियों के नाम पर वह सब कुछ कर रहे हैं जिसकी मांग भाजपा कर रही है।’’

बनर्जी ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग का आह्वान किया था कि वह बाकी बचे तीन चरणों के चुनाव को एक साथ कराने पर विचार करे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने आठ चरणों में चुनाव कराने का विरोध किया था। उल्लेखनीय है निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार करने की समय सीमा शाम सात बजे कर दी जबकि पूर्व में यह अवधि रात 10 बजे थी। इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने अगले तीन चरण (22,26 और 29 अप्रैल) के लिए मतदान से पहले शांति अवधि 48 घंटे से बढ़ाकर 72 घंटे कर दी है। बनर्जी ने कहा, ‘‘ नुक्कड़ सभाएं गर्मियों में आम तौर पर शाम को होती हैं। यह फैसला जानबूझकर मेरे चुनावी सभाओं की संख्या कम करने के लिए लिया गया है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग भगवा पार्टी का ‘पक्ष’ ले रहा है ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपनी चुनावी रैलियों को संबोधित कर सके। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव प्रचार में बाहरी लोगों को ला रही है और राज्य में कोविड-19 की स्थिति को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ गुजरात या उत्तर प्रदेश की तरह बंगाल में महामारी की स्थिति भयानक नहीं है लेकिन कोविड-19 के मामलों में अचानक वृद्धि बाहरी लोगों की वजह से है जो बिना आरटी-पीसीआर जांच के राज्य में आए।’’ बनर्जी ने कांग्रेस प्रत्याशी रजाउल हक और रिवल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी प्रत्याशी प्रदीप कुमार नंदी के निधन पर भी शोक व्यक्त किया जो कोरोना वायरस से संक्रमित थे।

उन्होंने प्रधानमंत्री की भी राज्य सरकार के सुझाव पर अमल नहीं करने पर तीखी आलोचना की। राज्य सरकार ने पिछले छह महीने में सभी नागरिकों का टीकाकरण करने का सुझाव दिया था जब महामारी की दर कम थी। तृणमूल प्रमुख ने कहा, ‘‘इसकी वजह से मौजूदा स्थिति उत्पन्न हुई जब लखनऊ में शवों का दाह संस्कार छिपाने के लिए दीवार खड़ी की जा रही है और गुजरात में महामारी की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है।’’ बनर्जी ने आरोप लगाया कि मोदी और शाह ने मतुआ समुदाय के लोगों को आर्थिक मदद देने का झूठा वादा किया है और कहा कि उन्होंने पिछड़ी जातियों और दलितों के लिए कुछ नहीं किया है।

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